राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, दिग्विजय सिंह बोले- इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सभापति धनखड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हमें बोलने से रोकते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के सांसदों को बोलने दे रहे हैं। आखिर क्यों? किसे बचाने के लिए?
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर टकराव देखने को मिल रहा है। इसी बीच अब विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि 70 विपक्षी सांसदों ने प्रस्ताव पर दस्तखत भी कर दिया है। इसमें INDIA गठबंधन में शामिल सपा, टीएमसी और AAP जैसी पार्टियां भी शामिल हैं।
अविश्वास प्रस्ताव की तैयारियों के बीच संसद परिसर में विपक्ष की ओर से मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ने सभापति पर पक्षपात करने के आरोप लगाए। सिंह ने कहा कि मैं सन 1977 से विपक्ष में भी और सत्ता पक्ष में भी सांसद और विधायक रहा हूं। लेकिन मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा है।
सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन नियम के तहत मुद्दों को रिजेक्ट कर दिया गया। उस पर हमें बोलने से रोकते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के सांसदों को बोलने दे रहे हैं। आखिर क्यों? किसे बचाने के लिए?
उन्होंने कहा, 'मेरा यह आरोप है कि सभापति ने आज घोर पक्षपाती ढंग से सदन का संचालन किया है और हम इसकी घोर निंदा करते हैं। सब जानते हैं कि मोदी सरकार ऐसा प्रयास सिर्फ गौतम अडानी को बचाने और मुद्दों को भटकाने के लिए कर रही है।'
राज्यसभा सांसद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर सरकार को क्या दिक्कत है? गौतम अडानी के वकीलों ने जो पैरवी की वही पैरवी संसद में मंत्री जी भी कर देते, प्रधानमंत्री मोदी कर देते तो मामला खत्म हो जाता।
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वहीं, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा हूं कि उन्होंने सदन को कमजोर किया है। मैंने आज तक नहीं देखा कि प्रश्नकाल में सरकार के सारे लोग खड़े हो जाएं और जवाब न आने दें। मेरा सवाल लगा हुआ था, लेकिन मुझे सवाल पूछने की इजाजत नहीं मिली।
बता दें कि इससे पहले अगस्त में भी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं के बीच टकराव हुआ था। तब विपक्षी पार्टियों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी 20 सांसदों का समर्थन जुटा लिया था।