गोवा के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 26 मरीजों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री बोले- कोर्ट की निगरानी में हो जांच

सोमवार देर रात 2 से 6 बजे के बीच राज्य सरकार द्वारा संचालित गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मरीजों ने तोड़ा दम, सीएम बोले- वार्ड तक ऑक्सीजन पहुंचने में हुई देर

Updated: May 11, 2021, 12:19 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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पणजी। गोवा में ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में भर्ती 26 मरीजों के मौत की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सोमवार को रात के 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच 26 मरीजों ने दम तोड़ दिया। हालांकि, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अभी मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। 

बताया जा रहा है कि सोमवार को जीएमसीएच में रात 2 बजे के करीब ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। इस दौरान करीब चार घंटे तक अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं पहुंच सका नतीजतन 26 संक्रमितों की मौत हो गई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने जीएमसीएच हॉस्पिटल का मुआयना किया साथ ही मरीजों और मेडिकल स्टाफ से हालचाल लिया। गोवा सीएम ने मरीजों से मिलकर पूछा कि उन्हें किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।

इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सावंत ने स्वीकार किया कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने और सप्लाई होने के बीच कुछ घंटों का गैप हुआ था। उन्होंने कहा संभव है कि इस वजह से दिक्कतें उत्पन्न हुई। हालांकि, गोवा सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है। उधर गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाईकोर्ट से मांग की है कि वह इस मामले की जांच करे।

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राणे ने कहा, 'यह सच है कि सोमवार को 2 से 6 के बीच 26 मरीजों की मौत हुई। सोमवार को अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी भी हुई थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि 26 मरीजों की मौत क्यों और कैसे हुए। उच्च न्याय को मामले की जांच करनी चाहिए। कोर्ट को इस बात की भी जानकारी लेनी चाहिए कि जीएमसीएच में कितना ऑक्सीजन सप्लाई हुआ और कितनी खपत है।

साउथ जिला अस्पताल में ऑक्सीजन लीक

उधर साउथ गोवा के जिला अस्पताल में मंगलवार को ऑक्सीजन लीक का मामला भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि टैंकर से अस्पताल के मेन स्टोरेज टैंक में प्राणवायु भरा जा रहा था, इस दौरान अचानक ऑक्सीजन लीक हो गया। यह लीक माइनर था। राहत की बात ये है कि इस दौरान किसी तरह के जान-माल की क्षति नहीं हुई।