कोविड 19 से रिकवरी के 6 महीने बाद लगाई जाए कोरोना वैक्सीन: NTAGI

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के 6 महीने बाद कोरोना वैक्सीनेशन हो, वहीं कोविशिल्ड की दो खुराक के बीच का समय बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने की सलाह भी दी गई है

Updated: May 13, 2021, 10:17 AM IST

Photo courtesy: EY
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दिल्ली। टीकाकरण के लिए बनी केंद्र सरकार की राष्ट्रीय तकनीकी सलाहाकर समूह NTAGI ने कोरोना संक्रमण से रिकवरी कर चुके लोगों को ठीक होने के 6 महीने के बाद कोरोना की वैक्सीन देने की सिफारिश की है। समिति ने संक्रमितों को रिकवरी के छह महीने बाद तक कोरोना टीकाकरण से बचने की सलाह दी है।

देश में कोरोना वैक्सीन की लगातार कमी बनी हुई है। इस बीच केंद्र सरकार की टीकाकरण पर बनी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति का यह सुझाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि कोविशील्ड के दो डोज के बीच का अंतर 12-16 हफ्ते कर दिया जाए। कोविशील्ड सीरम इस्टिट्यूट द्वारा बनाई जा रही है।

इससे पहले मार्च में केंद्र द्वारा वैक्सीन की दो खुराक के बीच अंतर 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह कर दिया गया था। याने 42 से 56 दिनों के अंतर पर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने की अपील की गई थी।

 भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को लेकर पैनल ने अब तक कोई सिफारिश नहीं की है।

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 NTAGI का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को दोनों में से कोई भी एक कोरोना का टीका लगाने का विकल्प दिया जा सकता है। वहीं स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रसव के बाद कभी भी कोरोना वैक्सीन का डोज ले सकती हैं।

इस सरकारी पैनल की सिफारिश है कि हाल ही में जो लोग कोरोना की चपेट में आए हैं, उन्हें संक्रमण खत्म होने के 6 महीने के बाद वैक्सीन लगाई जाए। एक तरफ कोरोना की वजह से देश में कोहराम मचा है, दूसरी तरफ वैक्सीन की भारी कमी है। 18 साल से उपर को लोगों को वैक्सीनेशन के नाम पर ठगा जा रहा है, ना तो कोविन ऐप और ना ही आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है। अगर किसी तरह रजिस्ट्रेशन हो भी गया तो टाइम स्लॉट नहीं मिलने से लोग परेशान हैं। हर वैक्सीनेश सेंटर्स पर टीका उपलब्ध नहीं का आप्शन देखने को मिलता है।

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लाखों लोग रोजाना वैक्सिनेशन के लिए टाइम स्लाट की बुकिंग करवाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वैक्सीन की अनुपलब्धता की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है। इन परेशानियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहाकर समूह ने संभवत: यह रास्ता निकाला है कि कोरोना से रिकवरी के 6 महीने बाद ही लोगों का वैक्सिनेशन किया जाए। ताकि इस बीच बिना संक्रमित लोगों को कम से कम एक डोज़ दिया जा सके। 

गौरतलब है कि भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2,37,03,665 हो गया है, वही अब तक 1,97,34,823 मरीज रिकवर हो चुके हैं। भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2,58,317 पहुंच चुकी है।