वर्क फ्रॉम होम :  नई HR पॉलिसी, सरकार ने बढ़ाई छूट

सरकार द्वारा छूट की सीमा बढ़ाने के बाद उम्‍मीद की जा रही है कि वर्क फ्रॉम होम को लेकर अब नई एचआर पॉलिसी भी जल्‍द आकार लेगी।

Publish: Apr 29, 2020, 06:24 AM IST

कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्‍म हो रहा है। लेकिन इस एक माह से अधिक के लॉक डाउन में जीवन काफी बदल गया है। इस लॉक डाउन ने वर्क कल्‍चर को बदला है। सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारियों को दफ्तर की बजाय घरों से काम करना पड़ रहा है। इस कल्‍चर के कारण एक शब्‍द चलन में आ गया है – वर्क फ्रॉम होम। आईटी सेक्टर के ज्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहे हैं। जिस तरह से बड़ी-बड़ी कं‍पनियों से इस नए वर्क कल्‍चर को अपना लिया है उम्‍मीद की जा रही है कि वर्क फ्रॉम होम को लेकर अब नई एचआर पॉलिसी भी जल्‍द आकार लेगी।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने कार्य क्षेत्र आ रहे इस बदलाव पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है वर्क फ्रॉम होम का कान्सेप्ट एक बड़े वर्ग के कर्मचारियों के लिए आगे बढ़ने वाला है। वर्क फ्रॉम होम की वजह से संचार व्यवस्था में काफी बदलाव देखा जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारी और मैनेटमेंट के बीच संबंध भी पहले जैसे नहीं रहेंगे और काम करने के समय में भी बदलाव हो सकता है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए एक नई एचआर पॉलिसी बनाए जाने की जरूरत हो सकती है।  आईटी उद्योग की जानी मानी शख्सियत सेनापति गोपालकृष्णन ने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉक डाउन के खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य होने पर भी 10 लाख से अधिक आईटी कर्मचारियों के घर से ही काम करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अब मुझे बताया गया है कि कई बड़े (आईटी) संगठनों में 90 से 95 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं। यह बदलाव बेहद सहज रूप से और बहुत तेजी से हुआ है। मुझे लगता है कि ये अब कारोबार का हिस्सा बन जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी कम्पनियां वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा बढ़ावा देंगी। ताकि आने वाले समय में वे किराये की लागत में काफी बचत कर सकें।

लॉकडाउन के हटने के बाद भी ऑफिसों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा और ऐसे में कर्मचारियों को दो समूहों में बांट कर काम सौंपा जा सकता है; दोनों समूह अलग-अलग सप्ताह में ऑफिस आएंगे। इससे उनके ऊपर एक समयसीमा में पहले से दोगुना काम करने का दबाव होगा। आरपीजी एंटरप्राइजेस के चेयरमैन हर्ष गोयनका कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद काम करने का तरीका बदल जाएगा। कर्मचारी साप्ताहिक शिफ्ट के हिसाब से ऑफिस आएंगे। उनमें से कई ऑफिस नहीं आना चाहेंगे क्योंकि उन्हें कोरोना संक्रमण का डर होगा। ऐसे में कंपनियों को उन्हें घर से काम करने की इजाजत देनी होगी।

ठीक इसी तरह काम करने के घंटों और उन घंटों में एक कर्मचारी की काम करने की विशेष क्षमता का भी कंपनियों को ध्यान रखना होगा। हो सकता कि कोई कर्मचारी कुछ विशेष घंटों में ज्यादा एकाग्रता और प्रोडक्टिविटी से काम करता हो और बाकी समय उतना बेहतर काम ना करता हो। ऐसे में कंपनी को इसका सम्मान करना होगा। नई नीतियों को बनाने के बारे में विशेषज्ञ कहते हैं कि घर से काम करने की वजह से कर्मचारियों में जुड़ाव नहीं रहेगा। ऐसे में हमें वर्चुअल लंच जैसी गतिविधियों से कर्मचारियों को बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करना पड़ेगा ताकि टीम में जुड़ाव बना रहे।

घर से काम पर छूट 31 जुलाई तक

केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर दी गई छूट को 31 जुलाई तक बढ़ाए जाने का ऐलान किया है. घर से काम करने की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी के नियमों में ढील दी गई है. ये छूट 30 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, जिसे अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है.  बयान में कहा गया है कि वर्क फ्रॉम होम के बारे में तीन छूट दी गई थी. ये आदेश 30 अप्रैल तक के लिए ही लागू था, लेकिन आज इन रियायतों को 31 जुलाई तक बढ़ाने की घोषणा की जा रही है.