ICMR: कोरोना वैक्सीन 50 फीसदी भी कारगर हुई तो दी जाएगी मंज़ूरी, सांस की बीमारियों में नहीं मिलती 100 फीसदी सफलता

Corona Vaccine: ICMR के मुताबिक भारत में एक वैक्सीन के लिए जल्द शुरू होगा तीसरे दौर का परीक्षण, कुल 3 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल की स्टेज में

Updated: Sep 23, 2020, 06:09 PM IST

Photo Courtesy: The Hindu
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नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ कोई वैक्सीन अगर 50 फीसदी भी कारगर साबित होगी तो उसे मंजूरी दे दी जाएगी, हालांकि हमारा प्रयास ज्यादा से ज्यादा कारगर वैक्सीन बनाने का है। कोरोना से संक्रमित सांस के रोगियों के लिए कोई भी वैक्सीन 100 फीसदी कारगर नहीं हो सकती है। ये बातें इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर डॉ बलराम भार्गव ने कही हैं। 

डॉ भार्गव ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक किसी भी वैक्सीन में तीन चीजें होनी चाहिए - पहला सुरक्षा, दूसरा इम्युनिटी बढ़ाने की क्षमता और तीसरा उसका कारगर होना। लेकिन सांस की बीमारियों से जूझ रहे कोरोना के मरीजों के लिए कोई भी वैक्सीन सौ फीसदी कारगर नहीं हो सकती। डॉ भार्गव के मुताबिक कोरोना वैक्सीन के प्रभावी होने की दर 50 से 100 प्रतिशत के बीच कुछ भी हो सकती है, हालांकि उनकी कोशिश अधिकतम कारगर वैक्सीन बनाने की रहेगी।

भारत में 3 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल स्टेज में

डॉ भार्गव ने बताया कि भारत में तीन वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के स्टेज में हैं। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन ने फेज-2 B3 ट्रायल को पूरा कर लिया है। आगे की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही तीसरे फेज़ के ट्रायल के लिए काम शुरू किया जाएगा। इसके तहत 14 अलग-अलग जगहों में डेढ़ हजार लोगों पर परीक्षण किया जाएगा। कैडिला (Cadila) और भारत बॉयोटेक की वैक्सीन ने भी फेज-1 का ट्रायल पूरा किया है। देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 56 लाख को पार कर गए हैं, जबकि 90 हजार से ज्यादा लोग इस महामारी की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।