जमानत मिलती है तो दूसरे केस में अरेस्ट कर लिया जाता है, ये परेशान करने वाला दुष्चक्र: जुबैर मामले में SC की तल्ख टिप्पणी

जुबैर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को नोटिस जारी किया है, सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि उसे एक मामले में जमानत मिलती है दूसरे मामले में अरेस्ट कर लिया जाता है, यह परेशान करने वाला है

Updated: Jul 18, 2022, 12:59 PM IST

नई दिल्ली। फैक्‍ट चेकर मोहम्मद जुबैर से बुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तल्‍ख टिप्‍पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि जुबैर को जब एक मामले में अंतरिम जमानत मिलती है तो उन्हें किसी और मामले में गिरफ्तार कर जाता है। इसके साथ ही जुबैर को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने UP पुलिस को उसके खिलाफ 5 FIR पर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम बुधवार को अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे तब तक उनके खिलाफ कोई आक्रामक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। यूपी सरकार अन्य अदालतों को आदेश पारित करने से न रोके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सभी एफआईआर की सामग्री एक जैसी लगती है। जिस क्षण उसे दिल्ली और सीतापुर में जमानत मिली, वह एक अन्य मामले में गिरफ्तार हो गया। यह दुष्चक्र परेशान करने वाला है।

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इससे पहले,  6 FIR रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान जुबैर की ओर से पेश हुईं वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, 'जुबैर एक फैक्ट चेकर है. उसे 27 जून को गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने पहले सीतापुर एफआईआर से निपटा था। इस पर वृंदा ग्रोवर ने कहा, 'अब पूरे यूपी में 6 एफआईआर हो गई हैं, इनमें से कुछ 2021 से पुराने हैं। कुछ में उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए गए। जैसे ही एक मामले में संरक्षण मिला। दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया। आज हाथरस में 14 दिन का पुलिस रिमांड मांगा जा रहा है।'

वृंदा ग्रोवर ने कहा कि इस तरह की टारगेटिंग खत्म होनी चाहिए। यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है.  उन्होंने जुबैर की जानकारी के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की।  जो लोग उसे गिरफ्तार कराने में मदद करेंगे उनको इनाम की घोषणा हुई।