India: चीनी बैंक से लिया 4.5 अरब डॉलर का कर्ज

भारत AIIB का सबसे बड़ा कर्जदार, भारत पर उसके ऋणों का 25 प्रतिशत बोझ

Updated: Jul 30, 2020, 04:56 AM IST

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत ने चीन के बैंक से तकरीबन 4.5 अरब डॉलर का कर्ज लिया है। चीनी बैंक 'एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक' (AIIB) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुई हिंसक झड़प के दो दिन बाद 17 जून को ही भारत को दूसरे चरण के लोन की स्वीकृति दी थी। इतना ही नहीं भारत को बीजिंग स्थित बैंक से कोरोना राहत कोष में भी सहायता मिली है। 

हिंदी अखबार हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 28 जुलाई को एआईआईबी की पांचवी परिषद का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए थे। इस दौरान जिनपिंग ने बैंक द्वारा सदस्य देशों के लिए कोरोना राहत कोष स्थापित की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि एआईआईबी को वैश्विक समान विकास को मजबूत करने वाला एक नया बहुपक्षीय विकास बैंक बनाना चाहिए। बता दें कि साल 2013 में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने ही इस बैंक को खोलने का प्रस्ताव रखा था जिसके 3 साल बाद 2016 में इस बैंक को खोला गया।

एआईआईबी का सबसे बड़ा कर्जदार भारत है। भारत पर उसके ऋणों का 25 प्रतिशत बोझ है। बैंक ने भारत को कोरोना राहत के लिए जून महीने में 500 मिलियन डॉलर वहीं जुलाई में 750 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत को दूसरे चरण के लोन की स्वीकृति 17 जून को मिली थी जिसके 2 दिन पहले ही एलएसी पर चीन के साथ हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। 

भारत को इस बैंक से अब तक मिले कुल 4.5 अरब डॉलर के सहयोग के अलावा कई अन्य बड़ी परियोजनाओं के लिए भी कर्ज मिलने वाला है। इनमें दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल परियोजना के लिए करीब 500 मिलियन डॉलर, मुंबई मेट्रो लाइन-5 के लिए 350 मिलियन डॉलर और चेन्नई मेट्रो कॉरिडोर-4 के लिए 350 मिलियन डॉलर शामिल है। इन तीनों परियोजनाओं के लिए अगले छः से नौ महीने में बैंक से राशि मिलने की संभावना है। एआईआईबी ने भारत के अलावा इंडोनेशिया और फिलीपींस 750 मिलियन डॉलर की सहायता राशि दी है वहीं पाकिस्तान को 500 और बांग्लादेश को 250 मिलियन डॉलर दी गई है।