निचली जातियों के घर दक्षिणा लेने आते हैं पंडित नहीं खाते खाना, जीतन राम मांझी के बयान पर मचा बवाल

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक सम्मलेन में पंडितों के लिए उपयोग किए अपशब्द, निचली जाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों को सत्यनारायण भगवान की पूजा न करने की दी सलाह

Publish: Dec 19, 2021, 08:39 AM IST

पटना। पंडितों को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एक बयान ने बवाल मचा दिया है। जीतन राम मांझी ने पंडितों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि वे निचली जातियों से ताल्लुक रखने वालों को घर पूजा सिर्फ दक्षिणा लेने के लिए करते हैं। पंडित उनके घर खाना नहीं खाते। 

जीतन राम मांझी ने यह बात पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने पंडितों को लेकर अपशब्द भी कहे। जिसको लेकर जीतन राम मांझी की आलोचना हो रही है। वहीं उन्होंने निचली जाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों को सत्यनारायण की पूजा करवाने और उसमें पंडितों को बुलाने पर भी जमकर बरसे। 

जीतन राम मांझी ने भुइंया मुसहर सम्मलेन के संबोधन के दौरान कहा कि आज कल गरीब वर्ग के लोगों में धर्म के प्रति लगाव बहुत बढ़ रहा है। हम लोग सत्यनारायण भगवान की पूजा का नाम तक नहीं जानते थे। लेकिन अब हम लोगों के यहां हर टोला में सत्यनारायण की पूजा होती है। 

इतना कहते ही जीतन राम मांझी पंडितों पर बरस पड़े। उन्होंने पंडितों को लेकर अपशब्द का उपयोग करते हुए कहा कि सत्यनारायण की पूजा करवाने वाले लोगों को इतना भी लाज शर्म नहीं लगता है कि *** पंडित आते हैं और कहते हैं कि हम लोग कुछ नहीं खाएंगे आपके यहां।बस कुछ नगद दे दीजिए। 

मांझी के इस बयान का ब्राह्मण महासभा ने विरोध किया है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा परशुराम सेवा संस्थान ने मांझी को अपने बयान पर माफी मांगे के लिए कहा। संगठन का कहना है कि अगर मांझी अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो संगठन पूर्व सीएम के खिलाफ कोर्ट का रुख करेगा। 

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जीतन राम मांझी अमूमन अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने बिहार में शराबबंदी कानून की पोल खोलते हुए कहा था कि आईएएस, आईपीएस सहित तमाम बड़े लोग रोजाना रात में शराब का सेवन करते हैं। लेकिन गरीब गरीब लोगों को पकड़ा जाता है। जीतन राम मांझी द्वारा अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने ने सियासी हलचल बढ़ा दी थी।