Kanpur Encounter : विकास दुबे के घर पर चला बुल्‍डोजर

UP Police : आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद कार्रवाई, 60 आपराधिक मामलों में यूपी पुलिस को विकास दुबे की तलाश

Publish: Jul 05, 2020, 03:01 AM IST

source: ndtv
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कानपुर प्रशासन ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे पर दबिश डालना शुरू कर दिया है। शनिवार दोपहर को प्रशासन की एक टीम कानपुर के बिकरू गांव स्थित उसके किलानुमा घर को गिराना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की 20 टीमें विभिन्न इलाकों में विकास दुबे की खोज कर रही हैं।  कुख्यात अपराधी विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद से ही अपने गुर्गों के साथ फरार चल रहा है। गुरुवार देर रात उसके गांव दबिश देने पहुंची पुलिस पर उसने अपने गुर्गों के साथ हमला कर दिया। जिसमें आठ पुलिस वालों की जान चली गई। 

बता दें कि बिकरू गांव कानपुर से तकरीबन 50 किलो मीटर दूरी पर स्थित है। गैंगस्टर विकास दुबे का घर , घर कम किला ज़्यादा है। उसके मकान में 50 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मकान की दीवारें जेल की दीवारों की तरह बड़ी हैं। मकान की कटिले तारों से घेराबंदी की गई है। इसी वजह से विकास दुबे हमेशा ही अपने घमंड से कहा करता था कि पंडित जी (विकास दुबे ) के घर में केवल सेना ही घुस सकती है। अब उसके उसी किलानुमा मकान को प्रशासन गिरा रही है।

चौबेपुर एसओ विनय तिवारी निलंबित 
कानपुर मुठभेड़ काण्ड में पुलिस वालों की हत्या में कुछ विभागीय पुलिसकर्मियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। दरअसल विकास दुबे की कॉल डिटेल्स में पुलिस वालों के नंबर मिले हैं। जिससे यह बात सामने आ रही है कि गैंगस्टर दुबे को थाने के कुछ पुलिस अधिकारियों ने पहले ही पुलिस के आने की सूचना दे दी थी। मुठभेड़ में चौबेपुर एसओ विनय तिवारी की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामाला ? 
गुरुवार शाम राहुल तिवारी नाम के शख्स ने चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि विकास दुबे ने जबरन उसे और उसके ससुर का अपहरण कर हिंसक बर्ताव किया है। जिसके बाद दुबे ने उनकी करोड़ों की सम्पत्ति पर ज़बरदस्ती हस्ताक्षर करवा कर अपने नाम कर लिया। दरअसल कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे लंबे अरसे से लोगों से जबरन ज़मीन अपने नाम कवराता रहा है। काफी समय से वो इसी धंधे में लगा हुआ है। 

गुरुवार को जब राहुल तिवारी ने दुबे के खिलाफ थाने में शिकायत की। तब पुलिस ने गुरुवार देर रात दुबे के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की ठान ली। थाने की एक टीम दबिश डालने के इरादे से उसके गांव बिकरू पहुंच गई। लेकिन दुबे को पुलिस के आने की भनक पहले ही लग चुकी थी। लिहाज़ा उसने पुलिस को रोकने के लिए गांव के प्रवेश पर जेसीबी खड़ा करवा दिया ताकि पुलिस वाले अपनी गाड़ी से उतर कर पैदल ही उसके घर पहुंचे, और पुलिसवालों के पास भागने का कोई अवसर न मिल सके। उधर उसने अपने मकान की छत पर हथियारों से लैस अपने गुर्गों को तैनात कर रखा था। पुलिस की टीम जैसे ही उसके मकान पर पहुंची उसके गुर्गों ने टीम पर हमला कर दिया। पुलिस वालों को इस प्रतिक्रिया की ज़रा भी भनक नहीं थी। लिहाज़ा वे जवाबी कार्रवाई करने में असमर्थ थे। दूसरी ओर उनके ऊपर छत से हमला हो रहा था। जिससे निशाना बनाने में भी पुलिस वालों को कठिनाई हो रही थी। तकरीबन एक घंटे चली इस मुठभेड़ में 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए। गैंगस्टर दूबे उसके बाद से ही फरार चल रहा है।