कर्नाटक हाई कोर्ट: आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स का डेटा किसी और एजेंसी को नहीं दे सकती सरकार
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सरकार को यूजर्स को यह आश्वासन देना पड़ेगा कि वो किसी भी योजना में नागरिकों से इस आधार पर भेदभाव नहीं करेगी कि उसने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है या नहीं

बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को आरोग्य सेतु ऐप यूजर्स के डेटा (Response Data) को कहीं और साझा करने से रोक दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने सोमवार को यह आदेश पारित किया कि सरकार और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स से मिला डेटा अन्य सरकारी एजेंसियों को साझा नहीं कर सकती।
मुख्य न्यायाधीश ए एस ओका और जस्टिस विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि आरोग्य सेतु ऐप द्वारा यूजर्स के प्रतिक्रिया डेटा को साझा करने के लिए ऐप के उपयोगकर्ताओं से सही ढंग से सहमति नहीं ली गई थी। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि ऐप के प्रोटोकॉल के अनुसार उपयोगकर्ता की सहमति जानकारी को एकत्रित करने के तरीके और उसके संग्रह तक ही सीमित है।
आरोग्य सेतु ऐप के आधार पर भेदभाव न कर सरकार : कोर्ट
हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई में केंद्र सरकार को इस बात का आश्वासन भी देने के लिए कहा कि सरकार नागरिकों से आरोग्य सेतु ऐप के आधार पर भेदभाव नहीं करेगी। मसलन, सरकार उन नागरिकों को अपनी किसी भी योजना या नीति से सिर्फ इसलिए बाहर नहीं करेगी, क्योंकि उस व्यक्ति के पास आरोग्य सेतु ऐप नहीं है।
आरोग्य सेतु ऐप कोविड महामारी से बचाव, वायरस की ट्रेसिंग और उसके रोकथाम के उद्देश्य से लाया गया था। अनावर अरविंद नामक एक्टिविस्ट ने आरोग्य सेतु ऐप के विरुद्ध कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि यह ऐप नागरिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने भी अपनी सुनवाई में यह माना कि नागरिकों की सहमति के बिना उनके हेल्थ डेटा को साझा करना संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रदत्त उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।