Farmers Protest: किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लाखों किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सरकार ने सड़कें बंद कर दीं तो किसान वहीं धरने पर बैठ गए, इससे लोगों को परेशानी होने का हवाला देते हुए याचिका दायर की गई है

Updated: Dec 17, 2020, 03:46 PM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 23वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे लाखों किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया है कि सड़कें बंद होने से लोग परेशान हैं और कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। कुछ याचिकाओं में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग भी की गई है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों का मामला जल्द राष्ट्रीय मुद्दा बनने वाला है। इसे सुलझाने के लिए एक कमेटी बनानी चाहिए, जिसमें किसान संगठनों और सरकार के साथ एग्रीकल्चर एक्सपर्ट भी शामिल हों। कोर्ट ने कमेंट किया- ऐसा लग रहा है कि केंद्र और किसानों की अब तक जो बातचीत हुई है, उससे कोई हल नहीं निकलने वाला।

यूपी की खापों ने किया आंदोलन का समर्थन

इस बीच किसान आंदोलन के समर्थन में अब उत्तर प्रदेश की कई खापें भी उतर आई हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है। बताया जा रहा है कि इन खापों से जुड़े किसान भी आज दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।

सिख संत ने की आत्महत्या

किसानों के आंदोलन में शामिल एक सिख संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। संत बाबा राम सिंह ने करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने किसानों के साथ नाइंसाफी होने के खिलाफ शहादत देने की बात लिखी है।