चीन ने भारतीय सीमा में बनाया एक और एन्क्लेव, सैटेलाइट तस्वीरों से हुई पुष्टि, कांग्रेस ने PM की खामोशी पर उठाया सवाल

सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक साल 2019 तक नहीं था मौजूद, पीएम के दूसरे कार्यकाल में बना है यह एन्क्लेव, भारतीय सीमा में लगभग 6 किलोमीटर भीतर है, कांग्रेस का पीएम मोदी से सवाल आप लाल आंखें कब दिखाएंगे

Updated: Nov 18, 2021, 01:52 PM IST

नई दिल्ली। भारतीय सेना पर चीन के अवैध कब्जे का सिलसिला निरंतर जारी है। इसी बीच कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई है जिनसे पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक और एन्क्लेव बना लिया है। एनडीटीवी को मिली इन सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि भारतीय सीमा में इस जगह पर कम से कम 60 इमारतों का निर्माण किया गया है।

सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक साल 2019 तक यहां एन्क्लेव मौजूद नहीं था। यानी चीन ने यह अवैध कब्जा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान किया है। हाल ही में पेंटागन रिपोर्ट में चीन द्वारा भारत के जिस इलाके में गांव बसाने की बात सामने आई थी वहां से यह दूसरा एन्क्लेव करीब 93 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। यह एन्क्लेव भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर भीतर स्थित है। 

इसका लोकेशन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर के बीच में है। भारत ने इसे हमेशा अपना इलाका होने का दावा किया है। सैटेलाइट तस्वीरों से यह साफ नहीं हो सका है कि इसमें कितने लोग रह रहे हैं, या लोग रहते भी हैं या नहीं? एनडीटीवी ने इस मामले पर जब सैन्य अधिकारियों से टिप्पणी मांगी तो वे यह कहकर पल्ला झाड़ने लगे की यह इलाका LAC के उत्तर में चीन के क्षेत्र में स्थित है।

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हालांकि, सैन्य अधिकारियों के इस टिप्पणी से इस तथ्य को नहीं झुठलाया जा सकता है कि यह चीनी एन्क्लेव LAC तथा इंटरनेशनल बॉर्डर के बीच में है। बता दें कि बीते साल खुद अरुणाचल प्रदेश के BJP सांसद ने इस बात को स्वीकारा था कि चीन ने भारतीय सीमा पर अवैध कब्जा कर रखा है। बीजेपी सांसद तापिर गाव ने यहां तक कहा था कि चीन ने जितने भारतीय इलाकों पर कब्जा किया है, मीडिया में उतनी रिपोर्टिंग भी नहीं हो रही है।

इस नए एन्क्लेव के होने की पुष्टि दुनिया के दो प्रमुख सैटेलाइट तस्वीर देने वाली कंपनियां मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ तथा प्लैनेट लैब्स की तस्वीरों से होती है। यह अरुणाचल के शी-योमी जिले का इलाका है। तस्वीरों में एक इमारत की छत पर चीनी झंडा भी पेंट किया हुआ दिख दे रहा है जो इतना बड़ा है कि सैटेलाइट तस्वीर में भी साफ दिख रहा है। इतना ही नहीं इस नए एन्क्लेव की लोकेशन खुद भारत सरकार की ऑनलाइन मैप सर्विस Bharatmaps में भी उल्लेखित है। इससे भी साफ है कि यह इलाका भारतीय सीमा के भीतर ही है। भारत के इस डिजिटल नक्शे, जिसे बेहद सावधानी से सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया की निगरानी में तैयार किया गया है। 

चीन के इस अवैध कब्जे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा है कि, 'राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की लाल आंख, 56 इंच, विस्तारवादी, ना कोई घुसा है, ना कोई घुसा हुआ है, ये सुन-सुन कर देश के कान पक गए हैं। लेकिन पीएम मोदी अपनी दिव्य मौनता में हैं। वो चश्मा पहन कर जिस तरह से वो भगवान की अराधना में बैठ गए थे, उसी तरह इस मसले पर भी मौन धारण करके बैठे हुए हैं।'

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प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने आगे कहा कि हम पीएम मोदी से सवाल नहीं पूछेंगे की वे आपका 56 इंच का सीना, अपनी लाल आंखें क्यों नही दिखा रहे लेकिन उन्हें भारतीयों का सीना तो नहीं झुकने देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मोदी जी अपनी चुप्पी तोड़िए और ये जो आप चीन के लिए पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करते हो, विस्तारवादी ताकत। आप आंखों में आंखे डालकर बोलिए कि ये चीन की दुर्भावना है, ये चीन का अतिक्रमण है, इसको हिंदुस्तान नहीं सहन करेगा।'

56 इंच न सही 6 इंच का काम कीजिए: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि, '56- 112 इंच न सही पर मोदी जी से कम से कम 6 इंच का तो काम कीजिए। हम उन्हें कब रिस्पोंड करेंगे? अरे प्रधानमंत्री जी, हम नहीं पूछेंगे आपसे कि आपने क्लीन चिट क्यों दी चीन को? आपने दी ना उनको, इसलिए उनका हौसला बढ़ता जा रहा है। उन्होंने देखा कि भारत की भूमि के अंदर घुसकर भारत के सैनिकों के साथ दुर्व्यवहार करने के बावजूद भारत की सरकार कहती है - ना कोई घुसा था, ना कोई घुसा हुआ है। आपके इन क्लीन चिट के कारण उसकी तो हिम्मत बढ़ती ही जा रही है। हम पूछना चाहते हैं कि कब आप एग्रेशन दिखाएंगे? कब आप चीन की आंखों में आंखें डालकर उसका जवाब देंगे?'