महाराष्ट्र ATS का दावा, मनसुख हिरेन की हत्या की गुत्थी सुलझी, सचिन वाझे मुख्य आरोपी

महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने कहा है कि मनसुख हिरेन की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है, सचिन वाझे इस मामले में मुख्य आरोपी है, एटीएस ने इस सिलसिले में दो और लोगों को भी गिरफ्तार किया है

Updated: Mar 22, 2021, 06:37 AM IST

Photo Courtesy: Jansatta
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मुंबई। महाराष्ट्र एटीएस ने दावा किया है कि उसने मनसुख हिरेन की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। एटीएस के मुताबिक पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका सचिन वाझे ही हत्या के इस मामले का मुख्य आरोपी है। एटीएस ने उसके अलावा दो और लोगों को भी इस केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र एटीएस को दरकिनार करते हुए मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत की जांच एनआईए को सौंपने का एलान एक दिन पहले ही किया है। लेकिन महाराष्ट्र एटीएस के अफसरों का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई औपचारिक आदेश अब तक नहीं मिला है। 

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महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए मामले की गुत्थी को सुलझाने का दावा किया। शिवदीप लांडे ने कहा, ' हमने मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत के मामले को सुलझा लिया है। इस मामले को सुलझाने के लिए अधिकारियों ने दिन रात एक कर के मेहनत की। इसके लिए वे तारीफ के काबिल हैं। डीआईजी ने कहा कि यह मामला उनके करियर का सबसे पेचीदा मामला है। 

शिवदीप लांडे ने बताया कि एटीएस ने इस केस के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार भी किया है। नरेश गोर और विनायक शिंदे इस मामले के आरोपी हैं। नरेश गोर क्रिकेट पर सट्टा लगाने वाला सट्टेबाज है, जबकि शिंदे पूर्व पुलिस कांस्टेबल है। विनायक शिंदे को 2006 में छोटा राजन के गुर्गे लखन भैया के एनकाउंटर के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। लेकिन कुछ समय पहले वो पैरोल पर जेल से बाहर आया है। 

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एटीएस ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों को ठाणे कोर्ट में पेश किए, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को दस दिन की रिमांड में भेज दिया है। एटीएस के डीआईजी ने बताया कि इस पूरे मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को मुख्य आरोपी बनाया गया है। एटीएस के डीआईजी से जब मामले की जांच NIA को ट्रांसफर किए जाने के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि अब तक जांच को स्थानांतरित करने के औपचारिक आदेश अभी तक एटीएस को नहीं मिले हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि मंगलवार तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मामले की सभी जानकारी ट्रांसफर कर दी जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को तकनीकी सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। गुजरात के कच्छ के रहने वाले नरेश गोर ने गुजरात से आठ सिम कार्ड लाकर विनायक शिंदे को दिए थे। शिंदे ने ये सिम कार्ड फरवरी के पहले हफ्ते में सचिन वाझे को दिए थे। एटीएस के मुताबिक शिंदे लगातार वाझे की संपर्क में था। उसने तमाम अवैध कामों में वाझे की मदद की थी। शिंदे का अमूमन वाझे से मिलना होता रहता था। एटीएस के मुताबिक शिंदे ने एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो में जिलेटिन रखने में भी अहम किरदार निभाया था। 

उधर एंटीलिया बॉम्ब केस में गिरफ्तारी से ठीक पहले वाझे ने ठाणे कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। एटीएस ने कोर्ट को बताया कि मामले में वाझे की भूमिका का पता लगाने के लिए अभी और वक्त चाहिए। लिहाज़ा कोर्ट ने वाझे की ज़मानत पर सुनवाई 30 मार्च तक के लिए टाल दी।