दीया जलाने पर चेताया ... तो अंधेरे में डूब जाएगा देश

महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राउत ने 9 मिनट तक बिजली बंद करने के आहवान पर विचार करने को कहा है। उप्र और तमिलनाडु सरकारों ने भी मोदी की अपील मानने से उपजे संकट से निपटने की तैयारी आरंभ कर दी है।

Publish: Apr 05, 2020, 03:59 AM IST

maharashtras power minister nitin raut
maharashtras power minister nitin raut

मुम्बई।

महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राउत ने नागरिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 मिनट तक बिजली बंद करने के आहवान पर भी विचार करने को कहा है। डॉ राउत ने कहा है कि देशवासियों द्वारा 5 अप्रैल को रात 9 बजे एकसाथ बिजली बंद करने का दुष्प्रभाव पावर ग्रिड पर पड़ सकता है, पावर ग्रिड फेल भी हो सकता है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों ने भी इस संकट से निपटने की तैयारी आरंभ कर दी है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को देश के नाम अपने एक वीडियो संदेश में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से लड़ने के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए देशवासियों से 9 मिनट तक घरों की बिजली बंद रखने का आहवान किया था। उन्होंने बिजली बंद करके घर की छतों या बालकनी में 9 दिये या 9 मोमबत्ती, या टॉर्च जलाने की अपील की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र के मंत्री राउत ने प्रधानमंत्री की इस अपील पर कहा है कि एक ही समय मे एकसाथ पूरे देश की बिजली बंद करने से विद्युत की मांग और आपूर्ति में बहुत अधिक अंतर उत्पन्न हो जाएगा। वैसे ही देश मे लॉक डाउन और फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण बिजली की मांग 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार मेगावाट रह गई है। कोरोना वायरस से लड़ाई में पूरे देश मे बिजली आपूर्ति सुचारू बनाये रखना महत्वपूर्ण है। ऐसे में एकसाथ बिजली बंद करने पर पावर ग्रिड पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और सेवाओं को बहाल करने में 12 से 16 घण्टे का वक़्त लग सकता है। एक साथ सभी लाइटें बंद होने से ग्रिड पर असर पड़ने से पावर स्टेशन बंद हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, ''पॉवर स्टेशन बंद हुए तो उसका सीधा असर इमरजेंसी सेवाओं मतलब अस्पताल में ईलाज हो रहे मरीजों पर भी पड़ सकता है। उसे ठीक कर पूर्वरत लाने में 12 से 16 घंटे लग सकते हैं। इसलिए बिजली मिलती रहे इसके लिए जरूरी है कि सभी एक साथ लाइटें ना बुझाए क्योंकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार है।

इस बीच उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के विद्युत विभाग के अधिकारियों ने भी अपने क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि उच्च वोल्टेज बिजली की वृद्धि से बचाने के लिए राज्य के पावर ग्रिड के सभी रिएक्टरों को सेवा में रखें। उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से जारी परिपत्रक में कहा गया है कि पावर ग्रिड को सुरक्षित और सुचारू तरीके से संचालित करके लोड से बचा जा सकता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कंट्रोल एरिया में 5 अप्रैल की रात 8 बजे से 9 बजे के बीच लोड शेडिंग की जा सकती है।

वहीं, तमिलनाडु ट्रांसमिशन कॉर्पोरशन ने सभी बिजली ग्रिड केंद्रों को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि 5 अप्रैल को रात 8 बजे से रात 10.30 बजे के बीच पर्याप्त कर्मचारी मौजूद रहे क्योंकि इस दौरान ऊर्जा की जरूरतों में उतार चढ़ाव हो सकता है।