पीएम मोदी पर लगा आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप, पड़ोसी देश में दिया पश्चिम बंगाल पर भाषण

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि नियम कानून सभी लोगों के लिए एक है, वीजा निरस्त करने की मांग

Updated: Mar 27, 2021, 11:53 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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कोलकाता। बांग्लादेश में दो दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि यहां चुनाव चल रहा है और पीएम बंग्लादेश में जाकर बंगाल पर भाषणबाजी कर रहे हैं। यह आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। सीएम बनर्जी ने चुनाव आयोग से पीएम के खिलाफ करवाई कर के की मांग करते हुए कहा है कि उनका वीजा तत्काल रद्द कर दिया जाए।

पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने कहा, 'यहां पर चुनाव हो रहा है और वे बांग्लादेश गए हैं और बंगाल पर व्याख्यान दे रहे हैं। पड़ोसी देश में पीएम ने पश्चिम बंगाल के बारे में कई तरह की बातें की हैं जबकि राज्य में चुनाव चल रहे हैं और पहले चरण का मतदान जारी है। यह पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।' ममता ने आगे कहा की, 'कभी-कभी वे कहते हैं कि ममता बांग्लादेश से लोगों को लेकर आई हैं, और घुसपैठ कराया है। लेकिन आज वह खुद वोट की मार्केटिंग करने के लिए बांग्लादेशे चले गए और व्याख्यान देने लगे।'

2019 चुनाव का दिया हवाला

सीएम ममता ने 2019 के लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर कार्रवाई की मांग की है। ममता ने कहा, 'लोकसभा चुनाव के वक्त जब एक बांग्लादेशी अभिनेता हमारी रैली में शामिल हुए थे, तो केंद्र सरकार ने वहां की सरकार से बात कर उनका वीजा निरस्त करा दिया था। अब पीएम एक समुदाय के वोट पाने के लिए बांग्लादेश में रैली कर रहे हैं। उनका वीजा क्यों नहीं निरस्त होना चाहिए? हम चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे।' 

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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे का आज दूसरा दिन है। पीएम मोदी ने वहां पर ओरकांडी में मतुआ समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह वे मातुआ की समुदाय की 'बड़ो मां' वीणापाणि देवी से मिलने ठाकुरनगर गए थे और 'बड़ो मां' ने उन्हें कितना स्नेह दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि, 'किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकांडी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले 'मतुआ संप्रदाय' के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओरकांडी आकर महसूस करते हैं।'

मोदी ने इस दौरान बंगाल का जिक्र करते हुए कहा, 'पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहां मेरे मतुआ भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर 'बॉरो-मां' का अपनत्व, मां की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं।' पीएम के इस भाषण को लेकर ममता बनर्जी का आरोप इस आधार पर है कि मातुआ समुदाय के लोगों की संख्या पश्चिम बंगाल में लगभग दो करोड़ है। मतुआ समुदाय के लोग लगभग 60-70 विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं। ऐसे में टीएमसी को आशंका है कि वोटर्स को लुभाने के लिए पीएम ने बांग्लादेश में जाकर इस तरह की बातें की है।

लोकसभा चुनाव के दौरान भी लगे थे आरोप

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी पर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं। इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान जब प्रचार थम गया था तब मतदान से पहले मोदी केदारनाथ में जाकर एक गुफे के अंदर बैठ गए थे। गुफा के अंदर पीएम के ध्यान लगाने की खबर देशभर के टेलीविजन चैनलों में जोर-शोर से घंटों तक दिखाया गया था। इसपर विपक्ष ने आरोप लगाया कि एक तरह से यह भी चुनाव प्रचार ही है और पीएम मोदी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।

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इसी प्रकार 23 अप्रैल 2019 को भी हुआ था जब प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद में वोट डालने गए थे। पीएम मोदी यहां वोटिंग के बाद एक खुली जीप में सवारी करते हुए जा रहे थे और रास्ते में हाथ हिलाते हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। विपक्ष ने इसे रोड शो करार देते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी। इतना ही नहीं पीएम ने तो इस दौरान वोटर आईडी को लेकर एक भाषण भी दी थी।