कोरोना वैक्सीन पर मनीष तिवारी ने पूछे सवाल, स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देने की जगह लगाए आरोप
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पूछा सरकार के बड़े नेता क्यों नहीं लगवा रहे टीका, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, वैक्सीन के बारे में भ्रम फैला रहे हैं कांग्रेस नेता

नई दिल्ली। आज देश भर में टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत हो गई। लेकिन कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ट्विटर पर वैक्सीन को लेकर आपस में भिड़ गए। मनीष तिवारी ने जहां वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल पर सवाल उठाए तो वहीं हर्षवर्धन ने मनीष तिवारी और कांग्रेस पार्टी पर वैक्सीन के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा करने का आरोप लगा दिया।
Covaxin की तो अलग ही स्टोरी है: मनीष तिवारी
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत को लेकर कहा कि यह काफी पेचीदा है। भारत के पास वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए कोई नीतिगत फ्रेमवर्क नहीं है। दो वैक्सीन को प्रतिबंधित इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दे दी गई है। मनीष तिवारी यहीं नहीं रुके उन्होंने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर कहा कि इसकी तो अलग ही कहानी है, इसे ट्रायल पूरा होने से पहले ही अप्रूवल दे दिया गया है।
As vaccine roll out begins
— Manish Tewari (@ManishTewari) January 16, 2021
it is all a bit puzzling
India has no policy framework for authorising emergency use
Yet
Two vaccines have been approved for restricted use in emergency situation
COVAXIN is another story - Approvals sans Due Process
https://t.co/zLc3KiEzx2
इसके साथ ही मनीष तिवारी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि जब अमेरिका, इंग्लैंड जैसे तमाम देशों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत सत्ता में बैठे प्रमुख नेता वैक्सीन के प्रति लोगों में विश्वास जगाने के लिए सबसे पहले खुद वैक्सीन लगवा रहे हैं, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार का एक भी बड़ा मंत्री खुद आगे बढ़कर वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहा है ?
अपनी आंखें खोलिए और ज़रा तस्वीर देखिए: हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मनीष तिवारी उठाए गए सवालों का जवाब देने की जगह कुछ तस्वीरें शेयर करके बात को दूसरा मोड़ देने की कोशिश की। हर्षवर्धन ने ट्विटर पर लिखा कि अपनी आंखें खोलिए और देखिए कि कैसे नामचीन डॉक्टर और सरकारी अधिकारी वैक्सीन लगा रहे हैं। लेकिन मनीष तिवारी ने सरकार में शामिल बड़े नेताओं द्वारा वैक्सीन नहीं लगवाए जाने का जो मसला उठाया था, उसका हर्षवर्धन ने कोई जवाब नहीं दिया।बहरहाल, सवाल का जवाब देने की जगह सवाल पूछने वाले की नीयत को कटघरे में खड़ा करने की जानी-पहचानी रणनीति पर चलते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने मनीष तिवारी और कांग्रेस पार्टी पर ये आरोप मढ़ दिया कि ये लोग वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहते हैं।
So blinded are we by our passions that we suffer more to be damned than to be saved
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 16, 2021
-Charles Caleb Colton
Sh @ManishTewari & @INCIndia are only passionate about spreading distrust & rumours
Open your eyes,sharing photos of eminent Doctors & Govt functionaries getting inoculated https://t.co/kYzOtRXZcq pic.twitter.com/9Y1Bvm65ug
वैक्सीन नेशनलिज्म के पीछे मत छिपें हर्षवर्धन : मनीष तिवारी
इसके बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने हर्षवर्धन पर पलटवार करते हुए नॉर्वे की एक खबर साझा की, जिसमें Pfizer की वैक्सीन लगवाने के बाद 23 लोगों की मौत होने की जानकारी दी गई थी। मनीष तिवारी ने हर्षवर्धन को जवाब देते हुए कहा कि मैंने जो चिंता जाहिर की है, वो वास्तविक है, काल्पनिक नहीं। इसे डर फैलाना नहीं कहते। देखिए कि नॉर्वे में क्या हो रहा है। भले ही वहां इस्तेमाल की गई वैक्सीन अलग हो, लेकिन आप वैक्सीन नेशनलिज्म के पीछे छिपने की कोशिश मत करिए। सवालों के जवाब दीजिए। हम आपसे बेहतर जवाब की उम्मीद रखते हैं सर।
Dear Dr @drharshvardhan
— Manish Tewari (@ManishTewari) January 16, 2021
Concerns that I have articulated are real & not imagined. It is not fear Mongering.Look what is happening in Norway. It may be a different vaccine but do not hide behind vaccine nationalism. ANS QUES’s
Expected better of you Sir https://t.co/VFo1fXEEa9 https://t.co/eSWUxpmrvU
दरअसल मनीष तिवारी ने अपने इस जवाब में इस बात की ओर भी इशारा किया है कि हर्ष वर्धन देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ ही साथ एक चिकित्सक भी रहे हैं, इसलिए उम्मीद की जाती है कि वे इस मसले पर उठ रहे सवालों के जवाब ज्यादा बेहतर ढंग से देंगे। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने कोवैक्सीन का टीका लगवाने में हिचक जाहिर करते हुए जो पत्र लिखा है, वो भी यही बताता है कि कई ऐसे सवाल हैं जो टीकाकरण की बेहतर समझ रखने वाले डॉक्टरों के मन में उठ रहे हैं।