बेमौसम बरसात से खरीफ फसलों को नुकसान, तुरंत सर्वे कर मुआवजा दे सरकार: माकपा
माकपा ने कहा है कि सरकार की ओर से न तो नुकसान का सर्वे हो रहा है और न ही यह बताया जा रहा है कि इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी।
भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बरसात ने खरीफ की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। सोयाबीन, बाजरा, तिल, उड़द, मूंग और मूंगफली की फसलें बारिश से बुरी प्रभावित हुई हैं। लेकिन शासन की ओर से अभी तक न तो सर्वे का काम शुरू हुआ है और न ही किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया है। इसे लेकर माकपा ने बयान जारी कर सरकार से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि इस बारिश से एक तो इन फसलों का उत्पादन कम हो जाएगा, दूसरा बारिश के कारण इनका दाना या तो अंकुरित हो जाएगा या उसकी चमक चली जाएगी, जिससे बाजार में इसकी कीमत गिर जाएगी। इससे किसानों को और ज्यादा नुकसान होगा। माकपा नेता ने कहा है कि सरकार की ओर से न तो नुकसान का सर्वे हो रहा है और न ही यह बताया जा रहा है कि इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी?
जसविंदर सिंह ने कहा है कि सोयाबीन की फसल 20 सितंबर से मंडी में आना शुरू हो जाती है, जबकि सरकार ने इसका पंजीयन ही 3 अक्टूबर से करने की घोषणा की है, जिससे साफ है पंजीयन से पहले ही सोयाबीन औने पौने दामों पर बिक जाएगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मांग की है कि खरीफ की सारी फसलें निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए। इसके लिए सरकार को पहल कर सरकारी खरीद एजेंसियों को समय पर खरीद शुरू करने के लिए प्रेरित करना होगा। माकपा ने तुरंत सर्वे कर किसानों को उचित मुआवजा देने की भी मांग की है।