हरियाणा के सीएम ने किसानों के खिलाफ दिया भड़काऊ बयान, कहा, लठ उठाओ और उनका इलाज करो

मनोहर लाल खट्टर के उकसाने वाले बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है, संयुक्त किसान मोर्चा ने सीएम को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है

Publish: Oct 04, 2021, 02:43 AM IST

चंडीगढ़। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों के खिलाफ दिए गए अपने विवादित बयान के कारण चौतरफा घिर गए हैं। अभी लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि हरियाणा के सीएम ने लोगों को किसानों के खिलाफ लठ उठाने की हिदायत दे दी। सीएम खट्टर ने कहा कि हर इलाके से एक हजार कार्यकर्ताओं को लठ उठाने की जरूरत है। बीजेपी नेता के इस बयान के बाद उनके इस्तीफे की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है। 

मनोहर लाल खट्टर रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि विशेषकर उत्तर पश्चिम हरियाणा में लोगों को तैयार करने की जरूरत है। जो कि किसानों का इलाज करेंगे। सीएम खट्टर ने लोगों को भड़काते हुए कहा कि जैसा तो तैसा जवाब देने की जरूरत है। 

भाजपा नेता यहीं नहीं रुके उन्होंने उकसाते हुए कहा कि उठा लो डंडे। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? तीन चार महीने की जेल? जमानत की परवाह न करो। अगर दो चार महीने जेल में रह लोगे तो बड़े लीडर अपने आप बन जाओगे। चिंता मत करो बड़े नेता बन जाओगे, इतिहास में नाम लिख जाता है।

सीएम खट्टर के इस हिंसा को बढ़ावा देने वाले बयान की जमकर आलोचना हो रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे बेशर्मी भरा बयान करार दिया है। किसान मोर्चा ने कहा कि खट्टर ने बेशर्मी से कार्यकर्ताओं को किसानों के खिलाफ लाठी उठाने और हिंसक बर्ताव के लिए उकसाया है। सीएम को अपने बयान के लिए माफी मांगने के साथ साथ अपने संवैधानिक पद से भी इस्तीफा देना चाहिए। 

वहीं हरियाणा कांग्रेस की चीफ कुमारी शैलजा ने खट्टर के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ कुछ लोगों को सरेआम भड़का रहे हैं और हिंसा करने की बात कर रहे हैं।यह अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है।यदि यह वीडियो अनएडिटेड है तो क्या यही भाजपा का असली चाल, चरित्र और चेहरा है?

वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी मनोहर लाल खट्टर के इस भड़काऊ बयान की निंदा करते हुए कहा है कि क्या किसी मुख्यमंत्री को इस प्रकार का भड़काऊ बयान देना चाहिए? क्या इस प्रकार की हिंसा भड़काने वाला बयान क़ानूनन अपराध नहीं है?मैं उनके इस बयान की घोर निंदा करता हूँ।