राजनीतिक गठबंधन देशद्रोह कैसे, महबूबा और उमर का अमित शाह पर पलटवार

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, आप गठबंधन करें तो ठीक, हम करें तो एंटी नेशनल

Updated: Nov 18, 2020, 12:08 AM IST

Photo Courtesy : Scroll.in
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने राजनीतिक गठजोड़ को 'गैंग' और देश विरोधी बताने वाले अमित शाह के बयान का जवाब देते हुए उलटकर सवाल किया है कि 'आप गठबंधन करें तो ठीक, और हम करें तो एंटी नेशनल? आपको याद दिला दें कि पूर्ण राज्य का दर्जा छीने जाने से पहले जम्मू-कश्मीर की अंतिम राज्य सरकार में महबूबा मुफ्ती बीजेपी के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बनी थीं और उनकी सरकार में बीजेपी भी शामिल थी। फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस भी अटल बिहारी वाजपेयी के ज़माने से कई बार सत्ता में बीजेपी की साझीदार रही है। इन पार्टियों के गठबंधन को गैंग बताकर अमित शाह ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।

पहले टुकड़े टुकड़े गैंग और अब गुपकर गैंग से डराने का प्रयास: महबूबा मुफ्ती

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने ट्विटर पर शाह के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि बीजेपी अपने राजनीतिक विरोधियों को आंतरिक और काल्पनिक दुश्मनों के रूप में पेश करके भारत को विभाजित करने की राजनीति कर रही है। महबूबा मुफ्ती ने पूछा कि क्या राजनीतिक दलों का आपस में गठबंधन करके चुनाव लड़ना भी राष्ट्र-विरोधी है? महबूबा ने कहा, बीजेपी सत्ता की भूख में कई गठजोड़ कर सकती है, लेकिन किसी भी तरह हम एकजुट होकर मोर्चेबंदी करें तो वह उसे राष्ट्रद्रोही बोलते हैं। पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं। इससे पहले भाजपा टुकड़े-टुकड़े गैंग से डराती थी, अब गुपकार गैंग से डरा रही है। महबूबा ने आरोप लगाया कि आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए लव जिहाद, टुकड़े-टुकड़े गैंग और अब गुपकर गैंग जैसी बातें की जा रही हैं। 

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हम गैंग नहीं वैध राजनीतिक गठबंधन हैं : उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने भी अमित शाह के बयान की तीखी आलोचना की है। उन्होंने अमित शाह के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है, हम एक गैंग नहीं हैं अमित शाह जी, हम एक वैध राजनीतिक गठबंधन हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। और चुनाव आपको हराने के लिए लड़ रहे हैं। केवल जम्मू और कश्मीर में नेताओं को हिरासत में लिया जा सकता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए देश-विरोधी कहा जा सकता है।

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, सच्चाई यह है कि भाजपा की विचारधारा का विरोध करने वालों को भ्रष्ट और देशद्रोही करार दिया जाता है। मैं अमित शाह के इस हमले के पीछे की हताशा को समझ सकता हूं। उन्हें बताया गया था कि पीपुल्स अलायंस चुनावों का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहा है। इससे बीजेपी को मुफ्त में जम्मू-कश्मीर चलाने की इजाजत मिल जाती। हम यह नहीं होने देंगे। 

दरअसल अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की छह प्रमुख पार्टियों के गठबंधन को गैंग बताते हुए आरोप लगाया है कि वे अनुच्छेद 370 को बहाल करके राज्य को फिर से आतंकवाद के दौर में ले जाना चाहते हैं। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती किए जाने के बाद भी वहां आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में विपक्षी दलों के राजनीतिक गठबंधन पर राज्य को दोबारा आतंकवाद के दौर में ले जाने का अमित शाह का आरोप एक नए विवाद की वजह बनता जा रहा है।