लॉकडाउन में फंसे लोग अब जा पाएंगे घर

केंद्रीय गृह मंत्रालय न कुछ शर्तों के साथ फंसे हुए लोगों को अंतरराज्यीय यात्रा की अनुमति दे दी है.

Updated: Oct 22, 2020, 03:48 AM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों में फंसे मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं के घर लौटने की राह आसान कर दी है. ये सभी लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर कर पाएंगे. हालांकि, इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना होगा.

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि इस काम के लिए राज्य एक दूसरे का साथ समन्वय बिठाएंगे और नोडल अधिकारियों को नियुक्त कर एक दूसरे के यहां फंसे लोगों को भेजने और बुलाने के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल बनाएंगे.

 

मंत्रालय ने कहा कि नोडल अधिकारी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे. अगर फंसे हुए लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहते हैं तो ऐसे में राज्यों को एक-दूसरे से संपर्क करना होगा और सड़क मार्ग से लोगों को भेजने पर पारस्परिक सहमति बनानी होगी.

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गृह मंत्रालय ने कहा कि लोगों को भेजने के लिए जिन गाड़ियों और बसों का इस्तेमाल होगा, उन्हें अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा और बैठने की व्यवस्था में शारीरिक नियमों का पालन करना होगा.

मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि यात्रा मार्ग के बीच में पड़ने वाले राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे लोगों को उनके गंतव्य तक जाने देंगे.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि लोगों के अपने गंतव्य तक पहुंच जाने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन उनका चेकअप करेगा और ऐसे लोगों को क्वारंटीन में रखा जाएगा.

 

असल में बीते एक महीने में लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में फंस गए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर प्रवासी मजदूरों और छात्रों को. बीते दिनों में कोटा में फंसे हुए बिहार के छात्रों ने उन्हें घर भेजने के लिए विरोध प्रदर्शन किया. बिहार में भी छात्रों ने अपने साथियों के लिए विरोध प्रदर्शन किया. 

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वहीं मजदूर तो पहले से ही प्रदर्शन करते आ रहे हैं. गुजरात के सूरत में फंसे हुए मजदूर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा में हजारों मजदूरों ने उनको घर भेजे जाने के लिए प्रदर्शन किया था. जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्र सरकार से बात की थी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मार्च को सिर्फ चार घंटे का नोटिस देकर पूरे देश में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर की थी, जिसके कारण लाखों मजदूर पैदल ही  हजारों किलोमीटर चलकर अपने घर जाने के लिए मजबूर हुए.