यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में अब भी फंसे 1000 भारतीय, बसों का इंतजाम करना भारत के लिए चुनौती

केंद्र सरकार ने कहा है कि कम से कम 700 छात्र सूमी में और 300 छात्र खारकीव में अब भी फंसे हुए हैं, उन्हें वहां से निकालने के लिए बसों का इंतजाम करना इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है

Updated: Mar 05, 2022, 02:45 AM IST

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के 9 दिन गुजरने के बाद भी यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय छात्रों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। हजारों भारतीय छात्र अब भी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि कम से कम एक हजार भारतीय छात्र यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाके में हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि करीब 700 छात्र सूमी में जबकि 300 छात्र खारकीव में फंसे हुए हैं। उन्हें वहां से निकालने के लिए बसों का इंतजाम करना इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है। बागची ने कहा की करीब-करीब 2 से 3 हजार और भारतीयों के यूक्रेन में फंसे होने की आशंका है। यह आंकड़ा घट-बढ़ सकता है।

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उन्होंने आगे कहा की, 'हमारा पहला फोकस भारतीय छात्रों को पूर्वी यूक्रेन के संघर्ष वाले क्षेत्रों से बाहर निकालने पर है। हम दोनों पक्षों (रूस और यूक्रेन) से रास्ता तलाशने का आग्रह कर रहे हैं ताकि हम अपने नागरिकों को बाहर निकाल सकें। स्थानीय संघर्षविराम से इसमें मदद मिल सकती है।'

प्रवक्ता ने दावा किया कि ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक, 48 फ्लाइटों से 10,300 से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया गया है। बता दें कि सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में फंसे भारतीय छात्रों ने मदद के लिए गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा कि 800-900 स्टूडेंट्स हॉस्टल में फंसे हुए हैं, हमारे पास न तो ज्यादा खाना है और न ही पानी जबकि बाहर गोलियां चल रही हैं, गोलाबारी हो रही है और कड़ाके की ठंड है।