जेपी नड्डा ने टैगोर के बारे में दी ग़लत जानकारी तो तृणमूल ने घेरा, बैकफुट पर आई बीजेपी

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म विश्वभारती में हुआ था, जबकि पश्चिम बंगाल में सभी जानते हैं कि गुरुदेव उत्तरी कोलकाता में जन्मे थे

Updated: Dec 10, 2020, 11:55 PM IST

Photo Courtesy : IndiaToday
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी हर तरीके की जोर-आजमाइश में लगी हुई है। इस दौरान बीजेपी के बड़े नेताओं द्वारा कई गलतियां भी की जा रही है जिसके बाद उन्हें बैकफुट पर आना पड़ रहा है। हालिया मामला बुधवार का है जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महान कवि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के जन्मस्थान की गलत जानकारी दे दी।

जेपी नड्डा ने बीजेपी दफ्तर के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वभारती रवींद्र नाथ टैगोर की जन्मभूमि है। इतना ही नहीं बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से नड्डा को क्रेडिट देकर बंगला भाषा में इस बात को ट्वीट भी कर दिया। जबकि पश्चिम बंगाल के तमाम लोग जानते हैं कि टैगोर का जन्म सन् 1861 में उत्तरी कोलकाता के जोरासांको की ठाकुरबाड़ी में हुआ था। 

इसके बाद तृणमूल को बीजेपी पर निशाना साधने का एक और मौका मिल गया। तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि बाहरी लोगों को बंगाल आने से पहले यहां की संस्कृति, इतिहास और परंपरा के बारे में पता होना चाहिए। जाहिर सी बात है कि यदि किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष बुनियादी जानकारी हासिल किए बिना ही प्रचार अभियान में ऐसी बातें करेंगे तो यह प्रचार कम और दुष्प्रचार ज्यादा साबित होगा। 

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हालांकि इस मामले में पार्टी की किरकिरी होती देख राज्य बीजेपी इकाई ने तत्काल अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी। अंग्रेज़ी अखबार द टेलिग्राफ के मुताबिक राज्य बीजेपी के एक अधिकारी ने भी माना कि यह लापरवाही पार्टी के लिए भारी पड़ने वाली है। नड्डा की इस गलती के बाद पश्चिम बंगाल के लोगों को खुश करने के लिए खुद  प्रधानमंत्री मोदी को मैदान में आना पड़ा। गुरुवार को नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने टैगोर को याद किया वो भी बांग्ला में उनका उद्धरण देते हुए। पीएम मोदी के इस बयान को डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है।

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बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी के किसी बड़े नेता को पश्चिम बंगाल से जुड़ी बातों की सही जानकारी न होने के कारण बैकफुट पर आना पड़ा हो। बीते महीने ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की जगह किसी अन्य की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान बिरसा मुंडा की तस्वीर किसी और के चरणों में रख दी थी। उस मामले में भी टीएमसी ने शाह की जमकर खिंचाई कर दी थी। टीएमसी ने उस वक्त कहा था कि बाहरी व्यक्ति ने बंगाल में आकर भगवान बिरसा मुंडा का अपमान किया है। इसके पहले पिछले साल बंगाल पुनर्जागरण के नेता ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी गई थी, जिसे लेकर बीजेपी को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।