15 जिलों पर फोकस हो तो कंट्रोल होगा कोरोना

इन जिलों में हम कितना अच्‍छा प्रदर्शन करते हैं, हमारी सफलता उसी पर निर्भर करती है।

Publish: Apr 28, 2020, 11:13 PM IST

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सोमवार को कोरोना वायरस के हॉटस्‍पाट वाले शहरों के डाटा संबंधी एक ट्वीट किया। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ हमारी जंग में 15 जिले महत्‍वपूर्ण हैं। इन 15 जिलों में से 7 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है। इन सात जिलों में हम कितना अच्‍छा प्रदर्शन करते हैं, हमारी सफलता उसी पर निर्भर करती है। हमें इन जिलों में आक्रामक तरीके से निगरानी, टेस्‍ट और इलाज पर ध्‍यान देना चाहिए। हमें यहां पर जंग जीतनी है।' गौरतलब है कि इन्‍हीं 15 जिलों पर कोरोना के नियंत्रण से देश में लॉक डाउन का भविष्‍य तय होगा।

उन्‍होंने दिल्‍ली, मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, पुणे और हैदराबाद जिलों पर सबसे अधिक ध्‍यान देने की जरूरत बताई। वहीं सूरत, चैन्‍नई,ठाणे, आगरा, जोधपुर, भोपाल, कुर्नाल और वड़ोदरा को दूसरी कैटेगरी में रखा है। अमिताभ कांत न कहा कि यदि सारे राज्‍यों में कोरोना की डेली रिपोर्ट देखें तो तेलंगाना में तेजी से सुधार हो रहा है। सारे राज्‍यों को केरल से सीखना चाहिए। केरल ने अपने यहां कोरोना पर बहुत प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया है।  

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 5 ऐसे जिले चिन्हित किए गए हैं जो मोस्ट हाई रिस्क की श्रेणी में डाले गए है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन और होशंगाबाद वो जिले हैं जहां कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। इन जिलों में मरीज़ो की संख्या में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अब निर्देश जारी कर दिए है. राज्य के मुख्य सचिव को ये निर्देश दिए​गए हैं कि 28 दिन के अंदर रेड अलर्ट वाले जिलो को ग्रीन अलर्ट में बदला जाए. केंद्र ने कड़ाई से नियमों का पालन करने के निर्देश देते हुए मरीज़ो की संख्या को कम करने कहा है. इसके लिए ज़रूरी है कि जिला प्रशासन सख्ती से लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और जनता के बीच जन जागरूकता लाएं क्योंकि सतर्कता और सावधानी ही कोरोना से बचने का उपाय है.