40 दिन से क्वारंटीन जमातियों को छोड़ने के लिए याचिका

'क्वारंटीन के नाम पर जमातियों को अवैध रूप से हिरासत में रखना गैरकानूनी.'

Publish: May 15, 2020, 03:34 AM IST

करीब 40 दिन से अलग-अलग क्वारंटीन सेंटर्स में रह रहे और जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए जाने के बावजूद वहां से बाहर नहीं निकाले गए तबलीगी जमात के तकरीबन 3,300 सदस्यों को छोड़ने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

इस याचिका पर 15 मई को सुनवाई होने की संभावना है. याचिका में अधिकारियों को 14 दिन की क्वारंटीन अवधि के दिशा-निर्देश का पालन करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है. इसमें यह पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की गई है कि क्या सदस्यों को लगातार रोक कर रखना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है.

इस बीच केंद्र सरकार ने कोरोना के हल्के या फिर लक्षण प्रदर्शित करने वाले मरीजों के क्वारंटीन नियमों में बदलाव भी किया है. पहले उन्हें 21 दिन के लिए क्वारंटीन में रहना होता था. अब यह अवधि घटाकर 17 दिन कर दी गई है. 


सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा क़ादरी ने याचिका में आरोप लगाया है कि कई लोगों को अवैध तरीके से क्वारंटीन सेंटर्स में रखा गया है और इन केंद्रों में रह रहे कई लोगों ने अधिकारियों को पत्र लिखे हैं, लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया.

याचिका में कहा गया है कि अलग रखने के नाम पर लगातार हिरासत में रखना न्यायोचित नहीं है और यह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.

याचिका में कहा गया है, ‘‘तबलीगी जमात के कुल 3,288 लोगों को क्वारंटीन सेंटर्स में रखा गया है और अभी तक वहां से किसी को छुट्टी नहीं दी गई है, जबकि वे संक्रमित नहीं हैं और कई सदस्यों की लगातार आई तीन रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हो गई है.’’

Clickकोरोना मरीजों के क्वारंटीन नियमों में बदलाव

याचिका में क्वारंटीन सेंटर्स में संगठन के दो सदस्यों की मौत की जांच के लिए एक समिति गठित करने और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई है.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने छह मई को कहा था कि क्वारंटीन की अनिवार्य अवधि पूरी कर चुके तबलीगी जमात के वे सदस्य घर जा सकते हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे हैं.

गौरतलब है कि तबलीगी जमात के लोगों पर जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, कोरोना वायरस से उबर चुके तबलीगी जमात के कई सदस्यों ने प्लाज्मा थेरेपी के लिए अपना खून दान करने की पेशकश भी की.