समीक्षा बैठक के लाइव प्रसारण पर भड़के पीएम मोदी, सीएम केजरीवाल के दफ्तर ने कहा लाइव रोकने के लिए नहीं जारी हुई थी गाइडलाइन

प्रधानमंत्री मोदी की कोरोना समीक्षा बैठक में तब तल्ख़ी देखने को मिली जब दिल्ली के मुख्यमंत्री के बयान का कुछ चैनलों ने लाइव प्रसारण किया, प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर आपत्ति जताई तो सीएम ने खेद, , बैठक में दस राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे

Updated: Apr 24, 2021, 05:59 AM IST

नई दिल्ली। एक तरफ देश कोरोना के गंभीर संकट से जूझ रहा है। लेकिन दूसरी तरफ आज कोरोना समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में मीटिंग के एक हिस्से के लाइव प्रसारण को लेकर विवाद हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने लाइव प्रसारण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी की आपत्ति के बाद अरविंद केजरीवाल ने मीटिंग के दौरान ही खेद प्रकट ज़रूर किया, लेकिन अब सीएम दफ्तर ने अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि बैठक का लाइव प्रसारण न करने को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई थी। 

दरअसल पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को होने वाली अपनी रैली को रद्द कर प्रधानमंत्री मोदी ने आज कोरोना की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय बैठक करने के लिए दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई थी। वर्चुअल मीटिंग में केजरीवाल के बयान का कुछ न्यूज़ चैनलों ने लाइव प्रसारण किया। केजरीवाल ने मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि इस समय कोरोना की लड़ाई में पूरे देश को एकजुट होने की ज़रूरत है। 

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा था कि दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराई जा रही है। केजरीवाल ने कहा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के बावजूद कुछ नहीं कर पा रहे हैं। आम आदमी पार्टी संयोजक ने कहा कि दिल्ली को जल्द से जल्द ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए ओडिशा तथा अन्य जगहों से ऑक्सीजन एयरलिफ्ट किया जाना चाहिए। 

केजरीवाल के बयान के लाइव प्रसारण की भनक जब प्रधानमंत्री मोदी को लगी तो उन्होंने बीच मीटिंग में ही कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने इन हाउस मीटिंग का लाइव प्रसारण किया है। यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है। इस पर केजरीवाल ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि वे आगे से इस बात का ध्यान रखेंगे। 

हालांकि मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया है। सीएम दफ्तर ने अपने बयान में कहा है कि मीटिंग का लाइव प्रसारण न करने को लेकर पहले से कोई लिखित या मौखिक आदेश नहीं दिया गया था। पहले भी ऐसी मीटिंग हुई हैं जिसका लाइव प्रसारण किया गया है। मुख्यमंत्री दफ्तर ने कहा है कि अगर किसी प्रकार की असुविधा हुई हो, तो इसके लिए खेद है। 

बहरहाल देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की लड़ाई लड़ने के लिए इस समय पूरे देश को एकजुट होने की आवश्यकता है। ऐसे समय में जब राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को भारत के संघीय ढांचे की बेहतर कार्यप्रणाली का आपसी सामंजस्य का परिचय देना चाहिए तब ऐसे समय में प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच पनपा यह विवाद बेहद अफसोसजनक है।