आजादी के अमृत महोत्सव पर बोले मोदी, गांधी, नेहरू के बताए रास्तों पर आगे बढ़ रहा देश

प्रधानमंत्री मोदी ने साबरमती आश्रम से दांडी पदयात्रा को दिखाई हरी झंडी, आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत की

Updated: Mar 12, 2021, 10:42 AM IST

Photo Courtesy : Business Today
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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित होने वाले अमृत महोत्सव का उद्घाटन किया। मोदी ने इस मौके पर साबरमती आश्रम से दांडी तक की पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई। साथ ही महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। उन्होंने कहा कि हम गांधी, नेहरू, पटेल, सुभाष जैसे महापुरुषों के सपनों का भारत बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कला-साहित्य, नाट्य जगत, फिल्म जगत और डिजिटल इंटरनेटनमेंट से जुड़े लोगों से भी आग्रह करूंगा, कितनी अद्वितीय कहानियाँ हमारे अतीत में बिखरी पड़ी हैं। इन्हें तलाशिए, जीवंत कीजिए। पीएम ने यह भी कहा कि देश में ऐसे कई संघर्ष गाथाएं हैं, जिनका नाम तक नहीं लिया जाता है, लेकिन हर किसी का अपना महत्व होता है।

मोदी ने कहा कि आज आज़ादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पहले आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। उन्होंने कहा कि जब कभी ऐसा अवसर आता है तो सारे तीर्थों का एक साथ संगम हो जाता है। आज भारत के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है, जिसमें सभी तीर्थों का संगम हो गया है। आज हमारे स्वाधीनता संग्राम के कितने ही पवित्र तीर्थ साबरमती आश्रम से जुड़े रहे हैं। मोदी ने कहा कि आज का पल गौरवशाली और ऐतिहासिक है।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है - ईमानदारी, विश्वास और वफादारी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उस दौर में नमक भारत की आत्मनिर्भरता का एक प्रतीक था। अंग्रेजों ने भारत के मूल्यों के साथ-साथ इस आत्मनिर्भरता पर भी चोट की थी। भारत के लोगों को इंग्लैंड से आने वाले नमक पर निर्भर हो जाना पड़ा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की उपल्धियां आज सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं.हम भारतीय चाहे देश में रहे हों, या फिर विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें गर्व है हमारे संविधान पर, हमें गर्व है हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं पर। भारत लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है। 

पीएम ने इस दौरान अमृत महोत्सव का अर्थ समझाते हुए कहा, 'आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत।' 

पीएम मोदी ने इस मौके पर अहमदाबाद में अमृत महोत्सव की वेबसाइट को लॉन्च करने के साथ ही चरखा उत्सव की भी शुरुआत की। उन्होंने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के हृदय कुंज में महात्मा गांधी की तस्वीर को माला पहनाई। इस दौरान उनके साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे।