PNB Scam: न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट, जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने कहा

Nirav Modi Case: पूर्व जज जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने दी समर्थन में गवाही, एजेंसियों पर सरकार के दबाव में काम करने का लगाया आरोप

Updated: Sep 13, 2020, 03:29 AM IST

Photo Courtsey: Janta ka reporter
Photo Courtsey: Janta ka reporter

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू पीएनबी घोटाले के कथित आरोपी भगोड़े नीरव मोदी के पक्ष में सामने आए हैं। रिटायर्ड न्यायाधीश ने शुक्रवार (11 सितंबर) को भारतीय हीरा कारोबारी के पक्ष में वीडियो लिंक के माध्यम से मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में अपना पक्ष रखा है। इस दौरान पूर्व जज ने कहा कि नीरव को भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिल सकती चूंकि सभी एजेंसियां सरकार की ओर झुकाव रखती हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार काटजू ने लिखित और मौखिक रूप से पेश किए अपने दावों में यहां तक कहा है कि भारत में न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट है। उन्होंने आगे कहा कि सन 1930 के दशक में जिस तरह जर्मनी में आर्थिक हालातों के लिए यहूदियों को जिम्मेदार ठहराया गया था ठीक उसी तरह नीरव मोदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के पतन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने नीरव मोदी को भारत का यहूदी बताया है।

काटजू के गवाही को भारत सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने चुनौती दी है। पांच दिवसीय सुनवाई के अंतिम दिन जस्टिस सैमुअल गुजी ने काटजू की विस्तृत गवाही सुनने के बाद मामले की सुनवाई 3 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। तीन नवंबर को भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सबूतों की स्वीकार्यता से संबंधित तथ्यों पर सुनवाई करेगी।

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस द्वारा लंदन कोर्ट में इंडियन जुडिशरी को लेकर दिए गए इस बयान ने देशभर में विवाद खड़ा कर दिया। ट्वीटर पर कुछ लोग इस भारतीय न्याय व्यवस्था की सच्चाई बता रहे हैं तो कुछ लोग भगोड़े के पक्ष में गवाही देने के लिए काटजू को ट्रॉल कर रहे हैं। ट्वीटर यूजर डॉक्टर उदिता त्यागी ने इसे भारतीय न्यायिक इतिहास का सबसे शर्मनाक घटना बताया है।

बता दें कि भगोड़े भारतीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर लंदन के कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं और उनके खिलाफ इस संबंध में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप हैं।

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मामले में जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि नीरव मोदी ने 6 हजार 498 करोड़ और मेहुल चौकसी ने 7 हजार 80 करोड़ का गबन किया है। दोनों कथित आरोपी सीबीआई जांच होने से पहले ही साल 2018 में भारत छोड़कर विदेश चले गए थे। इनके प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन के एक विशेष अदालत में भारत सरकार के आरोपों पर सुनवाई हो रही है।