किसानों के ख़िलाफ़ सरकार का रवैया तानाशाही, वाटर कैनन के इस्तेमाल पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस ने गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कड़ाके की ठंड में पानी की बौछार किए जाने को बताया मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही, सुरजेवाला ने कहा- मोदी सरकार होश में आओ

Updated: Nov 26, 2020, 04:24 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नई दिल्ली। केंद्र के विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे पंजाब के हजारों किसान हरियाणा बॉर्डर पर जुटे हुए हैं। राशन-पानी लेकर दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों पर प्रशासन द्वारा अमानवीय रवैया सामने आया है। हरियाणा सरकार द्वारा बॉर्डर सील कर किसानों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है जिसका किसानों द्वारा डटकर मुकाबला किया जा रहा है।

रातभर ठंड में बैठे किसानों पर तड़के सुबह बीजेपी शासित हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने भीषण ठंढ के बीच किसानों पर वॉटर कैनन चलाए जाने को मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही बताया है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'भीषण ठंड के बीच अपनी जायज़ माँगों को लेकर गांधीवादी तरीक़े से दिल्ली जा रहे किसानों को ज़बरन रोकना और वाटर कैनन चलाना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है। खेती बिलों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है। मोदी सरकार होश में आओ।'

 

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी मोदी सरकार को किसान-मज़दूर विरोधी बताते हुए किसानों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'मोदीशाह सरकार किसान- मज़दूर विरोधी है। हम देश के किसान व मज़दूरों के पक्ष में हैं। किसान मज़दूर विरोधी क़ानून वापस लो।'

 

 

बता दें कि मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद हरियाणा ने आज और कल के लिए पंजाब बॉर्डर सील कर दिया है। किसानों के विरोध मार्च को विफल करने के लिए पंजाब से सटी सड़कों पर बैरिकेड्स, वाटर कैनन और दंगा वाहनों के साथ पूरी तरह से किसानों को रोकने की व्यवस्था की गई है। हरियाणा ने अगले दो दिनों के लिए पंजाब आने-जानेवाली बस सेवा को निलंबित कर दिया है और अवरुद्ध सड़कों पर से सभी यातायात हटा दिया है। 

हरियाणा बॉ्र्डर पर पंजाब के किसान रात से ही कैम्प कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर पड़ोसी राज्य ने उन्हें आगे जाने से मना किया तो वहीं बैठकर धरना देंगे और विरोध-प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहन) का दावा है कि उससे जुड़े करीब दो लाख किसान आज हरियाणा में प्रवेश करेंगे। मार्च में शामिल होने के लिए आए किसान अपने साथ राशन, सब्जी और लकड़ी जैसी जरूरी सामान भी लेकर आए हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए उनलोगों ने बड़ी संख्या में कंबल भी जमा किए हैं और अपनी ट्रॉली को तिरपाल से ढक दिया है।

गौरतलब है कि दिल्ली में आज और कल पंजाब के अलावा राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केरल के किसान भी प्रदर्शन और विरोध मार्च करने वाले हैं। इसी बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किसी भी संगठन को दिल्ली में मार्च करने, विरोध-प्रदर्शन या रैली करने की अनुमति देने से इनकार किया है। गुरुग्राम और फरीदाबाद बॉर्डर पर किसानों को रोकने के भारी इंतजाम भी किए गए हैं।

बुधवार को हरियाणा सरकार अपने राज्य के किसानों को दिल्ली मार्च से रोकने में विफल रही। राज्य की सड़कों पर जगह-जगह वॉटर कैनन और बैरिकेडिंग को धता बताते हुए हजारों किसान दिल्ली के नजदीक पहुंच गए। उधर दिल्ली कूच कर रहे मध्य प्रदेश के किसानों को उत्तरप्रदेश सरकार ने आगरा में रोक लिया। इस दौरान किसानों के साथ दिल्ली जा रही सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को भी यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।