राहुल गांधी ने किसानों को लिखा खुला पत्र, उनकी जीत को बताया स्वतंत्र भारत की अद्वितीय जीत

राहुल गांधी ने अपने पत्र में किसानों से कहा है कि उनकी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है, अभी और भी मुद्दे बाकी हैं, जिन्हें मानने पर सरकार को राज़ी करना है

Publish: Nov 22, 2021, 04:52 AM IST

नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आंदोलनरत किसानों के नाम एक खुला पत्र लिखा है। अपने पत्र में राहुल गांधी ने किसानों को उनकी जीत पर बधाई देते हुए कहा है कि उनकी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने किसानों को उनके समर्थन में हमेशा खड़ा रहने का भरोसा दिलाया है। 

राहुल गांधी ने अपने पत्र में किसानों से कहा है कि उनकी यह जीत स्वतंत्र भारत की अद्वितीय जीत है। कांग्रेस नेता ने किसानों से कहा है कि इस जीत के साथ ही अभी और भी मुद्दे हैं जिनके लिए संघर्ष करना है। राहुल गांधी ने किसानों को एमएसपी की गारंटी का कानून, बिजली कानून में संशोधन और खेती के लिए किसानों को ज़रूरी हर चीज से टैक्स के बोझ को कम करने की जरूरत की याद दिलाई। 

राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार ने शुरुआत में अपने इस अड़ियल रुख को त्याग दिया होता तो इतने किसानों की जान नहीं गई होती। राहुल गांधी ने आंदोलन में जान गंवाने वाले सात सौ से अधिक किसानों को नमन किया। 

कांग्रेस नेता ने अपने खुले पत्र में किसानों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। राहुल गांधी ने कहा है कि वे खुद और उनकी पार्टी का एक एक कार्यकर्ता किसानों के साथ उनकी इस लड़ाई में खड़ा है। और किसानों के हर संघर्ष में कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटी रहेगी। 

अपने पत्र में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को किसानों की भूमि पूंजीपतियों के हाथों में सौंप कर किसानों को गुलाम बनाने की नीतियां त्यागने की अपील की। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों को गुलाम बनाने के बजाय उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाएं। 

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आंदोलनरत किसान आज लखनऊ में महापंचायत का आयोजन करने वाले हैं। रविवार को ही संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला लिया कि जब तक तीनों कानूनों को संसद के दोनों सदनों से वापस नहीं लिया जाता तब तक वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही वे शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद तक मार्च भी निकालेंगे। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखने का भी एलान किया है।