राहुल गांधी का प्रस्तावित संभल दौरा आज, रोकने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग, कांग्रेस नेताओं के घर फोर्स तैनात
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का संभल दौरा प्रस्तावित है। कमिश्नर आंजनेय सिंह ने राहुल को संभल आने से मना किया है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा का आज 11वां दिन है। बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का संभल दौरा प्रस्तावित है। कमिश्नर आंजनेय सिंह ने राहुल को संभल आने से मना किया है। उन्होंने कहा है कि जिले में अभी तनाव है। राहुल गांधी को रोकने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है।
संभल के डीएम राजेंद्र पैंसिया ने दिल्ली से सटे यूपी के 4 जिलों - गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा, बुलंदशहर की पुलिस को लेटर लिखा है। कहा है कि राहुल के मूवमेंट पर नजर रखी जाए। उन्हें अपने जिले की सीमा में रोकने की व्यवस्था की जाए। इधर, मंगलवार रात से ही पुलिस एक्टिव हो गई थी। हापुड़ में कांग्रेस जिला अध्यक्ष के घर फोर्स लगा दी गई। आसपास के जिलों में कई कांग्रेसी नेताओं के घर पुलिस पहुंच गई है।
बुधवार सुबह दिल्ली से यूपी में एंट्री के गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी गई। बुलंदशहर के कांग्रेस कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। वे राहुल–प्रियंका के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुबह 7 बजे राहुल गांधी नोएडा तक आए, फिर वापस लौट गए। बताया गया कि वह किसी डॉक्टर से मिलने आए थे।
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार हमें क्यों रोक रही है? वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें किस बात का डर है? विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें यह देखने का अधिकार है कि देश में क्या चल रहा है। संभल में जो घटना हुई, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने देखा कि कैसे देशभर में धीमी आंच पर सांप्रदायिक तनाव भड़काया जा रहा है। बिना तनाव बढ़ाए यह लोग चुनाव नहीं जीत सकते। टेलीविजन डिबेट्स, PIL, ध्रुवीकरण बढ़ाने वाले विधेयक आदि के माध्यम से इनका टूल किट चलता है। पूरे देश में जगह-जगह पर नफरत के बाजार खोले जा रहे हैं।
खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी संभल के दंगा पीड़ित परिवारों से मिल कर उनके जख्मों पर मरहम लगाने वहां जाना चाहते हैं। उन्हें रोकने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। पिछले 100 साल से संघ की विचारधारा कांग्रेस और गांधी को रोकने की कोशिश करती आई है, लेकिन हमेशा नाकामयाब रही। न उस गांधी को रोक पाए, ना इस गांधी को रोक पाओगे।