Rajasthan Crisis: आखिर क्यों हुई पायलट की घर वापसी

Congress: पायलट की वापसी से कांग्रेस के हित जुड़े हुए हैं, गुज्जर वोटों का समीकरण भी एक वजह रही

Updated: Aug 13, 2020, 06:55 AM IST

सचिन पायलट और दूसरे बागी विधायकों की घरवापसी के साथ राजस्थान में पिछले एक महीने से चल रहे राजनीतिक नाटक का अब पटाक्षेप हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अब बागियों के साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने बागियों की शिकायत सुनने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश दिया है। पायलट और गहलोत के बीच सुलह कराने का श्रेय प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को दिया जा रहा है लेकिन पायलट की वापसी से कांग्रेस के भी हित जुड़े हुए हैं।

पायलट की जरूरत कांग्रेस को केवल राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए ही नहीं है बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए भी है। दूसरी तरफ प्रियंका गांधी 2022 में होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तलाश रही हैं और प्रदेश की कम से कम 55 सीटों पर गुज्जरों का प्रभाव है, ऐसे में पायलट की उपयोगिता बढ़ जाती है। पायलट की गुज्जर समुदाय पर अच्छी खासी पकड़ है। 

गुज्जर समुदाय मध्य प्रदेश की 14 सीटों के अलावा हरियाणा और दिल्ली में भी अपना प्रभाव रखता है। बहुत सारे निर्वाचन क्षेत्रों में गुज्जर मजबूत स्थिति में हैं। सचिन गुज्जर वोटों पर अच्छी पकड़ रखते हैं और पार्टी को उम्मीद है कि आनेवाले चुनावों में उनको केन्द्रीय टीम में लाकर इसका लाभ लिया जा सकता है।

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पायलट के बागी बन जाने पर कांग्रेस की युवा ब्रिगेड पर अच्छा खासा असर पड़ा। दीपेंदर हुड्डा और जितेंद्र सिंह जैसे युवा नेताओं ने पार्टी आलाकमान को बताया कि पायलट के जाने से कांग्रेस के दूसरे युवा नेता भी पार्टी छोड़ सकते हैं।

कहते हैं, पायलट की वापसी में एक हाथ गहलोत से नाराज कांग्रेस के दूसरे नेताओं का भी रहा। कांग्रेस पार्टी को कवर करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि गहलोत से नाराज ये नेता तब के हैं जब गहलोत पार्टी के महासचिव थे। वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि इन नेताओं ने हाईकमान से कहा कि गहलोत पर सीमा से अधिक निर्भरता राजस्थान में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है।  

मेल-मिलाप की इन तमाम कयास-बाज़ियो के बीच गहलोत और सचिन पायलट गुट के सभी विधायक जयपुर लौट चुके हैं। अब सबकी निगाहें 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र पर हैं।