रेपो रेट कटौती, कर्जदार नहीं होंगे डिफाल्टर

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है। इससे देश की इकॉनोमी पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया है।

Publish: Mar 27, 2020, 11:52 PM IST

RBI governor Shaktikanta Das
RBI governor Shaktikanta Das

नई दिल्ली। 
अर्थव्यवस्था पर कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए राहत का रेपो रेट को कम किया गया है। इससे कर्जदारों को बड़ी राहत मिली है। आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियंम लगा दिया है। ऐसे में डिफॉल्ट होने की स्थिति में कर्जदार की क्रेडिट हिस्ट्री में नहीं दिखेगी।

आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से देश के कई क्षेत्रों में असर पड़ा है। इकॉनोमी को मजबूत बनाए रखने वाले हम निर्णय कर रहे हैं। आरबीआई ने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। इसके बाद रेपो रेट 4.44 पर आ गया है। रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई है। कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। इसके बाद यह तीन फीसदी पर आ गया है। 
दास की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे वक्त में हुई है, जब एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। इससे पहले गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का ऐलान करते हुए बताया था कि गरीबों को तीन माह तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। वहीं, सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि ईपीएफ में पूरा योगदान सरकार देगी। वित्त मंत्री ने कहा था कि गरीबों और मजदूरों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर होगा। केंद्र ने 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए राहत का ऐलान करते हुए कहा कि इनकी राहत लिए 31000 करोड़ का फंड है। जो कामगारों पर खर्च होंगे वहीं, सरकार तीन महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी। इसके अलावा पीएफ फंड रेग्युलेशन में संशोधन किया जाएगा। जमा रकम का 75% या 3 महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, उसे निकाल सकेंगे।
टर्म लोन से छूट का लाभ 
सभी बैंकों के टर्म लोन की किश्त के भुगतान से 3 महीने की छूट मिलेगी। शेयर बाजार की गिरावट से बैंक डिपॉजिट पर असर नहीं होगा, ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहेगा।