डिटेंशन सेंटर में ही रहेंगे रोहिंग्या, फ्लैट देने की कोई योजना नहीं, हरदीप पुरी के दावों को गृह विभाग ने किया खारिज

गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या शरणार्थियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है

Updated: Aug 17, 2022, 11:17 AM IST

नई दिल्ली। रोहिया शरणार्थियों को लेकर एक बार फिर देश में सियासत तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैट देने का ऐलान किया था। विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य हिंदूवादी संगठनों ने इस फैसले को लेकर कड़ा ऐतराज जताया था। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि ऐसा कोई आदेश नहीं है।

गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि, 'रोहिंग्या अवैध विदेशियों के संबंध में मीडिया के कुछ हिस्सों में समाचार रिपोर्टों के बारे में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।'

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गृह मंत्रालय ने आगे लिखा कि, 'दिल्ली सरकार ने हमें प्रपोजल दिया था कि रोहिंग्या को नई लोकेशन पर शिफ्ट किया जाए। लेकिन, हमने उन्हें निर्देश दिया कि अवैध रोहिंग्या को अभी वहीं रखा जाए, जहां वे हैं। उनके डिपोर्टेशन (निर्वासन) की बातचीत चल रही है। तब तक उन्हें डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाएगा। दिल्ली सरकार ने उन जगहों को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया, जहां अवैध रोहिंग्या को रखा गया है। हमने उन्हें तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया है।'

दरअसल, केंद्रीय शहरी विकास और आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को ट्वीट किया कि भारत ने हमेशा शरण मांगने वालों का स्वागत किया है। एक ऐतिहासिक फैसले में तय किया गया है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला में EWS फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा। उन्हें बेसिक सुविधाएं दी जाएंगी और 24 घंटे सुरक्षा भी दी जाएगी। 

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पूरी के इस ट्वीट को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई थी। वीएचपी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार करे, रोहिंग्याओं को घर देने के बजाय भारत से बाहर भेजने की व्यवस्था करे। आलोक कुमार का कहना है कि पाकिस्तान के हिन्दू शरणार्थियों को अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है और सरकार रोहिंग्याओं को रहने के लिए घर और सुरक्षा देने का फैसला ले रही है। इस फैसले ने हमारा दर्द बढ़ा दिया है। इसके कुछ देर बाद बाद गृह मंत्रालय ने भी ट्वीट किया और कहा कि ऐसा कोई आदेश नहीं है।