सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लगे, यह PFI से भी बुरा संगठन है: संघ के खिलाफ विपक्ष ने खोला मोर्चा
लालू यादव ने कहा कि मैडम सोनिया से हमारी बात हुई है, इस बार सभी लोग साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे, बीजेपी बौखलाहट सामने आ रही है

पटना। केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब आरएसएस को प्रतिबंधित करने की मांग जोर पकड़ रही है। कांग्रेस, जेडीयू, आप, आरजेडी, सीपीआईएम समेत कई दलों ने आरएसएस को प्रतिबंधित करने की मांग की है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि आरएसएस तो पीएफआई से भी बुरा संगठन है। सबसे पहले आरएसएस को बैन करना चाहिए।
लालू प्रसाद यादव ने राजद अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'देश में मुस्लिमों के साथ गलत हो रहा है। एकरूपता लाने की जरूरत है और पीएफआई के साथ-साथ आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। आरएसएस पर पहले भी प्रतिबंध लग चुका है। याद रहे, आरएसएस पर सबसे पहले लौह पुरुष सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगाया था। इन्हीं लोगों ने दुर्गा वाहिनी बनाया था
आरएसएस और इस तरह के सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगे। सबसे पहले RSS को बैन करो, यह पीएफआई से भी बुरा संगठन है।'
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लालू यादव ने कहा, 'देश में गरीबी है, भ्रष्ट्राचार है, और ये लोग हिंदू-मुस्लिम कर देश को तोड़ना चाहते हैं। मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराना, ये क्या है. ये दंगा फसाद कर शासन में बने रहना चाहते हैं। आरएसएस पर बैन लगना चाहिए क्योंकि देश में दंगा फसाद कर शासन में बना रहना चाहता है लोग। मगर अब इनके दिन लद गए हैं. सभी विपक्षी दलों को साथ लाना है और बीजेपी को उखाड़ फेंकना है। इस बार बीजेपी का पताका नहीं फहरेगा।'
बीते दिनों कांग्रेस सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर लालू यादव ने कहा कि हमारी डेढ दो घंटे बैठकर बातचीत हुई। इस बार साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकना है। मीडिया ने जब पूछा कि बीजेपी दावा कर रही है कि सोनिया गांधी के मिलने का समय नहीं दिया। इसपर लालू यादव ने कहा कि मैडम सोनिया से बीजेपी परेशान क्यों है? हम क्या कर रहे हैं... इसकी चिंता क्यों है? बीजेपी का इस बार कहीं पताका नहीं फहरने वाला। कांग्रेस बड़ी पार्टी है और हम बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के साथ हैं।
CPI(M) has been strongly opposed to these extremist views and has always condemned the violent activities of the PFI.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 28, 2022
However, the notification of the PFI as an unlawful association under the Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) is not the way to tackle this problem (1/n) pic.twitter.com/8kkzABGT4Y
पीएफआई बैन को लेकर सीपीआईएम ने कहा कि यह कोई समस्या का समाधान नहीं है। सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि, 'हमने शुरू से चरमपंथी ताकतों का विरोध किया है। पीएफआई निश्चित रूप से हिंसक गतिविधियों में शामिल रही है। लेकिन पूर्व के अनुभवों से कहा जा सकता है कि बैन समस्या का समाधान नहीं है। इससे पहले आरएसएस और माओवादी संगठनों को भी प्रतिबंधित किया गया। बावजूद वे फलते फूलते रहे। जरूरी है कि हर तरह के ध्रुवीकरण को रोका जाए।'