कृषि कानूनों के खिलाफ SAD का हल्ला बोल, सुखबीर बादल, हरसिमरत कौर समेत कई नेता गिरफ्तार
कृषि कानूनों के खिलाफ अकाली दल का ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च, पुलिस ने रोका, हरसिमरत कौर बोलीं- यह अघोषित आपातकाल, आज ही के दिन पारित हुए थे कृषि कानून

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए विवादास्पद कृषि कानूनों के आज एक साल पूरा हो गए। बीजेपी का पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) इसे काला दिवस के रूप में मना रहा है। अकाली दल ने इस मौके पर राजधानी दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद भवन तक ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च निकालने की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस ने अकाली दल के नेताओं को रकाबगंज साहिब के पास ही रोक दिया।
पुलिस ने विरोध को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी। संसद की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी है ताकि कोई प्रदर्शनकारी संसद की ओर न जाने पाए। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी मार्च की इजाजत नहीं दी है। सभी प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटवा कर सांसद की ओर प्रोटेस्ट मैच निकालने के लिए भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच सुखबीर और हरसिमरत कौर सहित 15 नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और उन्हें सांसद मार्ग पुलिस थाने लाया जा रहा है।
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पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा है, 'विरोध प्रदर्शन के लिए आज आने वाले किसानों और अकाली कार्यकर्ताओं की संख्या को देखते हुए, पंजाबियों को रोकने के लिए रकाब गंज साहिब की घेराबंदी की जा रही है। यह काले तानाशाही समय की याद दिलाता है।' साथ ही पार्टी ने सरकार और पुलिस पर पंजाब के वाहनों का दिल्ली में प्रवेश रोकने का आरोप लगाया है। ट्विटर के माध्यम से ही उन्होंने बताया, 'दिल्ली के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं और पंजाब के वाहनों को रोका जा रहा है। जबकि अन्य सभी गुजर रहे हैं। पंजाबियों को बताया जा रहा है कि उनका प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। हमारी शांतिपूर्ण आवाजों ने ताकतों को डरा दिया है।'
When dictatorship is a fact, revolution is a duty! The arrogant Central Government can't impose the anti-farmer laws on farmers. The Akali Dal is proud to be the party of farmers, and we'll keep raising our voice against the black laws. #KhatirKisaniDatteAkali pic.twitter.com/ZPEMllTIj8
— Shiromani Akali Dal (@Akali_Dal_) September 17, 2021
पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'मोदी सरकार और हरियाणा सरकार ने हमारे कार्यकर्ताओं को रोक दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और हमारे वाहनों को तोड़ दिया और शांतिपूर्ण धरना रोक दिया गया। हम यहां पीएम मोदी को यह संदेश देने आए हैं कि न केवल पंजाब बल्कि पूरा देश उनकी सरकार के खिलाफ है।' वहीं नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने इसे अघोषित आपातकाल बताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'तीन कृषि कानूनों को निरस्त होने तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। प्रदर्शन में कई किसान मारे गए हैं और कई अभी भी राज्य की सीमाओं पर बैठे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर उदासीन रवैया अख्तियार किए हुए है।'
Strongly condemn Delhi police for sealing entry points to national capital & detaining @Akali_Dal_ workers reaching Gurdwara Rakabganj Sahib. Receiving phone calls & videos telling how Police trying to foil protest march to Parl against 3 Farm Laws. It's an undeclared EMERGENCY! pic.twitter.com/lhHwMMTtqa
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2021
नई दिल्ली के डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के एक साल पूरे होने पर यह मार्च निकाला है जिसकी उन्हें कोई अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है और शहर पुलिसिया सुरक्षा घेरे में है। उन्होंने बताया कि हमने कई मेट्रो स्टेशन, कश्मीरी गेट बस अड्डा, नई दिल्ली एवं पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं और पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात भी किया है। बता दें कि सिंघु, टीकरी, ढांसा, झड़ौदा कलां बॉर्डर पर सुरक्षा बेहद कड़ी है।