100 रुपए प्रति लीटर दूध बेचने का मैसेज वायरल, संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया अफवाह

संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से सोशल मीडिया पर कई मैसेज वायरल हो रहे हैं, इनमें दावा है कि आज यानी 1 मार्च से किसानों ने दूध के दाम 100 रुपए प्रति लीटर करने का फ़ैसला किया है

Updated: Mar 01, 2021, 04:10 AM IST

Photo Courtesy: Zeenews
Photo Courtesy: Zeenews

नई दिल्ली। केंद्र के नई कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों का आंदोलन 3 महीने से ज्यादा समय से जारी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट्स और मैसेज वायरल हो रहे हैं जिनमें किसानों से अपील की गई है कि वे दूध 100 रुपए लीटर से कम दाम पर न बेचें। ये मैसेज संयुक्त किसान मोर्चा के नाम पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि अब संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद बयान जारी करके साफ किया है कि उनकी तरफ से ऐसा कोई फैसला नहीं किया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के बयान में कहा गया है कि, 'किसानों द्वारा 1-5 मार्च के बीच दूध की बिक्री के बहिष्कार और 6 तारीख से दूध की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर करने जैसा कोई आह्वान संयुक्त किसान मोर्चे ने नहीं किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से गलत तरीके से सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है। इस संदर्भ में हम साफ करना चाहते हैं कि यह मैसेज गलत है। किसानों से अनुरोध है कि वे इस तरह के गलत संदेश को नजरअंदाज करें।'

किसान मोर्चा के बयान से यह साफ हो गया है कि आज यानी 1 मार्च 2021 से किसानों द्वारा 100 रुपए प्रति लीटर से कम में दूध न देने के दावे निराधार हैं। दरअसल पेट्रोल के दाम सौ के पार जाने के बाद से सोशल मीडिया पर संयुक्त किसान मोर्चा के नाम पर इस तरह के मैसेज काफी वायरल हो रहे हैं। इन मैसेज में कहा जा रहा है कि जब पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर पहुंच सकते हैं तो दूध के दाम 100 रुपये लीटर क्यों नहीं हो सकते? मैसेज में दावा किया गया है कि कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला किया है।

हालांकि कुछ दिन पहले हरियाणा के जींद और हिसार में कुछ खाप पंचायतों में ऐसे फैसले किए जाने की खबरें जरूर आई हैं। डीज़ल के बढ़ते दाम से किसानों को हो रही परेशानी का विरोध करने और सरकार पर कृषि कानूनों को रद्द करवाने का दबाव बनाने के लिए ऐसे फैसले किए गए हैं। कुछ खाप पंचायतों में ऐसी बातें भी हुई हैं कि अब MSP नहीं MRP पर बात होगी। यह भी कहा गया है कि आम जनता को तो दूध पुराने रेट पर ही दिया जाएगा, लेकिन सरकारी संस्थाओं या कोऑपरेटिव डेयरी को दूध 100 रुपये से कम पर नहीं बेचेंगे।