2019 में खुद पीएम ने की थी गठबंधन की पेशकश, मैंने कर दिया था इनकार: शरद पवार

शरद पवार ने यह बात पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कही, पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को बाद बीजेपी और एनसीपी के गठबंधन का ऑफर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था

Publish: Dec 30, 2021, 05:43 AM IST

मुंबई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनावों के बाद मचे बवाल के सिलसिले में बड़ा खुलासा किया है। शरद पवार ने कहा है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बीजेपी के साथ गठबंधन का ऑफर दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के इस ऑफर को ठुकरा दिया था।

शरद पवार ने यह बात एक पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम के दौरान कही। शरद पवार से जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद मचे सियासी घमासान से जुड़ा सवाल पूछा गया तब एनसीपी प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद उन्हें बीजेपी से गठबंधन करने और महाराष्ट्र की सत्ता में साझेदार बनने की पेशकश की थी। लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा था कि ऐसा संभव नहीं है। 

शरद पवार ने बताया कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी से इस संबंध में चर्चा प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई थी। पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गठबंधन की पेशकश करते हुए कहा था कि हमें इस बारे में विचार करना चाहिए। जिसके जवाब में शरद पवार ने प्रधानमंत्री से कहा कि मैं आपको अंधेरे में नहीं रखना चाहता, बीजेपी और एनसीपी के बीच गठबंधन संभव नहीं है। 

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2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद बीजेपी और शिवसेना ने अपने रास्ते अलग कर लिए थे। शिवसेना अपने पास सीएम का पद रखना चाहती थी जबकि बीजेपी चाहती थी कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बने रहें। उस दौरान शिवसेना ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। शिवसेना ने दावा किया था कि चुनावों से पहले ही सीएम पद को लेकर बीजेपी ने सहमित जाहिर की थी कि पहले ढाई साल शिवसेना का ही कोई नेता मुख्यमंत्री होगा। 

शिवसेना द्वारा बीजेपी से अपने रास्ते अलग करने के बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन की चर्चा तेज़ हो गई। लेकिन गठबंधन से ठीक पहले ही एक नाटकीय मोड़ आया और एनसीपी नेता अजीत पवार बीजेपी के खेमे में चले गए। देवेंद्र फडणवीस को आनन फानन में सीएम पद की शपथ भी दिला दी गई। जबकि अजीत पवार डिप्टी सीएम बन गए। हालांकि इसके कुछ घंटों बाद ही अजीत पवार वापस कांग्रेस और शिवसेना के खेमे में आ गए और राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन की सरकार बन गई।