सिद्धारमैया के सिर सजेगा कर्नाटक का ताज, लोकसभा चुनाव तक पीसीसी चीफ बने रहेंगे डीके शिवकुमार

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली में प्रेस से बात करते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने फैसला लिया है कि सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा डीके शिवकुमार लोकसभा चुनाव होने तक कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे।

Updated: May 18, 2023, 02:12 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्नाटक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया। पार्टी ने सिद्धारमैया को एक बार फिर से कर्नाटक की कमान सौंपी है। वहीं डीके शिवकुमार प्रदेश के इकलौते उपमुख्यमंत्री होंगे। साथ ही वो लोकसभा चुनाव तक कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली में प्रेस से बात करते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने फैसला लिया है कि सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा डीके शिवकुमार लोकसभा चुनाव होने तक कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। 20 मई को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रियों का एक समूह भी उस दिन शपथ लेगा।
 

कर्नाटक के डिप्टी सीएम के रुप में नामित होने को लेकर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि, 'पार्टी में सब कुछ ठीक है और आगे भी सब कुछ ठीक रहने वाला है। मैंने पहले भी कहा था कि पार्टी हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। जो भी फार्मूला बनाया गया है, हम सभी उसे स्वीकर करते हैं।'

वहीं इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा, "टीम कांग्रेस कर्नाटक के लोगों की प्रगति, कल्याण और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। हम 6.5 करोड़ कन्नडिगाओं से वादा किए गए 5 गारंटी को लागू करेंगे।"

बताया जा रहा है कि बुधवार शाम मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी के बीच हुई एक फोन कॉल ने इस डील पर मुहर लगा दी। बुधवार को पहले इस तरह की खबरें आई थीं कि डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि, अब सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने पार्टी के फैसले को स्वीकार कर लिया है।

कौन हैं सिद्धारमैया

सिद्धारमैया कर्नाटक की राजनीति का बड़ा नाम हैं। पेशे से वकील रहे सिद्धारमैया ने 1978 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था। बाद में उन्‍होंने वकालत को छोड़ राजनीति की राह पकड़ी। सिद्धारमैया कर्नाटक विधानसभा में विधायक, वित्त मंत्री, उपमुख्‍यमंत्री के बाद साल 2013 में उन्होंने कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली। 75 साल के सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय के नेता हैं, साथ ही उनका अन्‍य समुदायों पर भी अच्‍छा प्रभाव है।

कांग्रेस में शामिल होने से पहले सिद्धारमैया ने सालों तक एच.डी. देवेगौड़ा के साथ निष्ठापूर्ण तरीके से काम किया। लंबे समय तक माना जाता था कि देवेगौड़ा  सिद्धारमैया को ही उत्तराधिकारी बनाएंगे। लेकिन जब पार्टी की कमान सौंपने की बात आई, तब देवेगौड़ा ने सिद्धारमैया की जगह अपने बेटे कुमारस्वामी को चुना। ऐसे में सिद्धारमैया को एहसाह हो गया वह जेडी(एस) में रहते हुए वो शीर्ष पद तक नहीं पहुंच सकते। ऐसे में उन्होंने साल 2006 में कांग्रेस का दामन थाम लिया।