अब तक हमने पांच मारे हैं, कार्यकर्ताओं को खुली छूट दे रखी है, मॉब लिंचिंग में BJP नेता ने स्वीकारी संलिप्तता

राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग को लेकर बीजेपी के पूर्व MLA ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि उन्होंने एक मारा है, इसके पहले हम पांच को मार चुके हैं, कांग्रेस बोली- भाजपा का मजहबी आतंक का चेहरा आया सामने

Updated: Aug 20, 2022, 07:20 PM IST

अलवर। राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग के मुद्दे को विपक्षी दल बीजेपी भुनाने में लगी हुई है। बीजेपी नेता लगातार पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंच रहे हैं। इसी बीच एक वीडियो सामने आया है जिससे राजस्थान के भाजपा नेताओं के मंसूबों की पोल खुल गई है। इसमें बीजेपी के पूर्व विधायक कह रहे हैं कि उन्होंने पहली बार मारी है, इससे पहले हम पांच को मार चुके हैं।

दरअसल, बीते 14 अगस्त को अलवर के गोविंदगढ़ के पास एक गांव में चिरंजी लाल सैनी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। मॉब लिंचिंग के इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा जब भाजपा का प्रतिनिधिमंडल अलवर पहुंचा। चूंकि, मॉब लिंचिंग एक हिंदू युवक की हुई थी इसलिए बीजेपी इसे भुनाने में लग गई। भाजपा नेताओं ने राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

इस बीच रामगढ़ के पूर्व विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा शुक्रवार को चिरंजीलाल के परिजनों से मिलने पहुंचे। इस दौरान मृतक के परिजनों के घर पर लोगों से बातचीत करते हुए ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि, '5 लोगों को तो हम ने मारा है। बहरोड हो, ललावंडी हो या जिले में अन्य जगह। यह पहली घटना है जब उन्होंने मारा है। हमने अपने कार्यकर्ताओं को खुली छूट दे रखी है। हम जमानत भी करवा देंगे।' 

वे आगे कहते हैं कि, 'अब हालात खराब होने लगे हैं। यह पहली बार हुआ है कि उन्होंने हमारे एक व्यक्ति को मारा है। इसके लिए योजना बनाकर विरोध करना होगा।' इस बातचीत का किसी ने वीडियो बना लिया जो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, 'BJP के मजहबी आतंक व कट्टरता का और क्या सबूत चाहिए? पूरे देश में भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है।'

हालांकि विवाद बढ़ने पर पूर्व विधायक अहूजा ने अब सफाई दी है। उन्होंने कहा कि कि मेरे बयान का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। मॉब लिंचिंग में अब से पहले जो लोग मारे गए, वे गौ तस्करी के आरोपी थे। गोकशी के घटनाओं में संलिप्त थे। धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे थे, इसलिए मारे गए जबकि चिरंजीलाल सैनी ने कोई गुनाह नहीं किया था, फिर भी उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।