आवेदन के 30 दिन के भीतर देनी होगी कोरोना मृतकों के परिजनों को राशि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फरमान

कोर्ट ने कहा कि कोरोना मृतकों के परिजनों को मिलने वाली इस राशि को लेकर इस आधार भेदभाव नहीं किया जाएगा कि मृत्यु प्रमाणपत्र पर कोरोना से हुई मृत्यु दर्ज नहीं है, कोर्ट ने इस समस्या के निपटारे की ज़िम्मेदारी ज़िला अधिकारियों को दी है

Publish: Oct 04, 2021, 11:03 AM IST

नई दिल्ली। कोरोना मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली 50 हज़ार रुपए की राशि को सुप्रीम कोर्ट ने हरि झंडी दे दी है। केंद्र सरकार के फैसले को मंज़ूरी देने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन करने के 30 दिन के भीतर अनुग्रह राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि आवेदन कर्ता द्वारा मुआवज़ा राशि के लिए आवेदन करने के तीस दिन के भीतर मुआवज़ा राशि मुहैया करानी होगी।  

इसके साथ ही कोई व्यक्ति कागज़ी खामियों के चलते अनुग्रह राशि पाने से वंचित न रह जाए इसके लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी कोरोना मृतक के मृत्यु प्रमाणपत्र पर मौत का कारण कोरोना दर्ज नहीं है, तो ऐसी स्थिति में पीड़ित परिजनों को मुआवज़ा राशि देने पर रोक नहीं लगाई जाएगी। जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इस समस्या से निपटने की ज़िम्मेदारी ज़िलाधिकारियों को दी है। कोर्ट ने कहा है कि अगर प्रमाणपत्र पर मौत का कारण कोरोना दर्ज नहीं है तो इसमें सुधार करने की ज़िम्मेदारी ज़िलाधिकारियों की होगी।  

इसके अलावा निकट भविष्य में कोरोना से लोगों की मृत्यु होती है तो वे पीड़ित परिजन भी इस योजना के तहत अनुग्रह राशि प्राप्त कर सकेंगे। केंद्र सरकार के फैसले को मंज़ूरी देते समय जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि यह राहत की बात है कि जिन लोगों ने इस कठिन समय में अपने परिजनों को खोया उनके आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है। 

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सुप्रीम कोर्ट में कोरोना मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा राशि देने के लिए एक लंबी सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद आखिरकार केंद्र सरकार कोरोना मृतकों के परिजनों को 50 हज़ार रुपए की अनुग्रह राशि देने पर राज़ी हुई। पीड़ित परिजनों को यह राशि राज्य आपदा प्रबंधन कोष से दी जाएगी।