पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए कमेटी गठित करेगा केंद्र, सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

एक तरफ केंद्र ने पेगासस जासूसी कांड पर कमेटी के गठन की बात कही है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने जासूसी के आरोपों को खारिज किया है

Updated: Aug 16, 2021, 06:48 AM IST

नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड की केंद्र सरकार जांच कराएगी। जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र सरकार एक कमेटी का गठन करेगी। खुद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने जासूसी कांड के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज भी कर दिया है। 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दो पन्नों का हलफनामा दायर किया। जिसमें केंद्र सरकार ने पेगासस जासूसी कांड के सिलसिले में दायर याचिकाओं के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। केंद्र सरकार ने जासूसी के तमाम आरोपों को नकारते हुए कहा कि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव इस मसले पर पहले ही संसद में स्पष्टीकरण दे चुके हैं।

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दरअसल सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार एन राम सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने पेगासस जासूसी कांड की एसआईटी जांच को लेकर याचिका दाखिल की हुई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है। इस मामले की सुनवाई सीजेआई रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है। 

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इससे पहले इस मामले की सुनवाई 10 अगस्त को हुई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर बहस करने से बचने की सलाह दी थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे पूरी तरह से कोर्ट में भरोसा रखें। 

इसके साथ ही कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता एमएल शर्मा की याचिका में अधूरे तथ्यों को लेकर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा था कि यह आश्चर्यजनक है कि जासूसी कांड का मामला पहली बार 2019 में आया, लेकिन किसी ने इस मसले पर गहनता के साथ रिसर्च नहीं किया। कोर्ट ने मामले की पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स में जासूसी को लेकर किए जा रहे दावे सही हैं, तो आरोप सच में बेहद गंभीर हैं। जासूसी कांड में केंद्र सरकार पर देश के पत्रकारों, विपक्षी दलों के नेताओं, नामचीन हस्तियों के फोन हैकिंग करने का आरोप लगा है।