शशि थरूर और 6 पत्रकारों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर दो हफ़्ते के लिए लगाई रोक

कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ 26 जनवरी को किए गए ट्वीट के मामले में मामले दर्ज हैं, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी

Updated: Feb 09, 2021, 03:25 PM IST

Photo Courtesy: Live Law
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों को फ़ौरी राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इन सबकी गिरफ़्तारी पर अगले दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। शशि थरूर के अलावा जिन छह पत्रकारों को इस फैसले से राहत मिली वे हैं राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, विनोद के जोस, परेश नाथ और अनंत नाथ। इन सभी के ख़िलाफ़ 26 जनवरी गलत जानकारी ट्वीट करने के सिलसिले में दिल्ली समेत देश के कई शहरों में केस दर्ज किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी

सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एस ए बोबडे,  जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने की। अदालत में दायर याचिका में सातों याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ दर्ज पुलिस केस खत्म करने और अलग-अलग जगहों पर दर्ज मामलों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने की मांग की थी। इन लोगों के ख़िलाफ़ देश के पांच अलग-अलग राज्यों में देशद्रोह सहित कई गंभीर धाराओं में कई मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। ये सभी मामले राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत के बारे में ग़लत जानकारी ट्वीट करने के आरोप से संबंधित हैं। मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई के मामले में सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। 

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ताओं को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जानी चाहिए। मेहता ने अदालत में कहा कि "इनके ट्वीट्स का गणतंत्र दिवस पर बहुत बुरा असर पड़ा।" जबकि याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटिस का जवाब मिलने और उस पर सुनवाई होने तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ़्तारी नहीं होनी चाहिए। अदालत गिरफ़्तारी पर रोक लगाने का आदेश जारी करे। जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

शशि थरूर औऱ राजदीप समेत सभी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दिल्ली में एफआईआर वकील चिरंजीव कुमार ने दर्ज कराई है। इस एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने प्रदर्शनकारी नवरीत सिंह की मौत के लिए दिल्ली पुलिस को क़सूरवार ठहराकर हिंसा भड़काने की कोशिश की। प्रदर्शन में शामिल नवरीत सिंह की मौत पुलिस के मुताबिक ट्रैक्टर पलटने की वजह से हुई थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गोली लगने की वजह से मौत होने की आशंका से इनकार किया गया है।