प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है, डार्विन थ्योरी को NCERT से हटाए जाने की खबर को केंद्रीय मंत्री ने बताया भ्रामक

NCERT की 10वीं क्लास की साइंस किताब से डार्विन के सिद्धांत को हटाने की खबर आने के बाद 1800 से ज्यादा टीचर्स और वैज्ञानिकों ने चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी।

Updated: May 01, 2023, 10:56 AM IST

नई दिल्ली। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) इन दिनों सिलेबस में बदलाव को लेकर विवादों में है। मुगल इतिहास हटाने के बाद हाल ही में खबर आई NCERT की 10वीं क्लास की साइंस की किताब से डार्विन की थ्योरी को हटा दिया गया है। किताब में हुए इस बदलाव के बाद बड़ी संख्या में टीचर्स और वैज्ञानिकों ने इसका विरोध किया। अब इस मामले में खुद शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बयान दिया है। उन्होंने डार्विन की थ्योरी को हटाने की खबरों को भ्रामक प्रचार करार दिया है।

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार का कहना है कि एनसीईआरटी की 10वीं क्लास की साइंस की किताब से डार्विन की थ्योरी को हटाने के बारे में भ्रामक प्रचार हो रहा है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि शिक्षा मंत्री सुभाष सरकार का ये बयान तब आया है, जब 1800 से ज्यादा वैज्ञानिकों, साइंस टीचर्स और एजुकेटर्स ने एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें एनसीईआरटी के 10वीं क्लास की किताब से Theory of Biological Evolution को हटाने को लेकर चिंता जाहिर की गई थी।

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शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोविड-19 की वजह से कोर्स में मामूली बदलाव किए गए हैं, ताकि स्टूडेंट्स के ऊपर से पढ़ाई का दबाव कम किया जा सके।अगर फिर भी कोई स्टूडेंट इसे पढ़ना चाहता है, तो ये सभी वेबसाइट्स पर अवेलेबल है। शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि 12वीं क्लास के सिलेबस में पहले से ही डार्विन की थ्योरी मौजूद है, तो इसलिए किसी भी तरह का झूठा प्रचार नहीं किया जाना चाहिए।

दरअसल, हाल ही में दसवीं क्लास की सांइस की किताबों से डार्विन की थ्योरी से जुड़ा चैप्टर हटा दिया गया था। इसके बाद TIFR, IISER और IIT जैसे संस्थानों के 1800 से ज्यादा वैज्ञानिकों, टीचर्स ने एक ओपन लेटर लिखकर इस पर चिंता जताई थी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने यह प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि NCERT ने पिछले साल ही पाठ्यक्रम को कम करने की घोषणा कर दी थी कि दसवीं कक्षा की विज्ञान की किताब में हेरेडिटी एंड इवोल्यूशन चैप्टर को हेरेडिटी से रिप्लेस कर दिया जाएगा।

बता दें कि 24 नवंबर 1859 को चार्ल्स डार्विन की किताब 'ऑन द ओरिजन ऑफ स्पेशीज बाय मीन्स ऑफ नेचरल सिलेक्शन' पब्लिश हुई थी। इस किताब में एक चैप्टर था, ‘थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन।’ इसी में बताया गया था, कैसे हम बंदर से इंसान बने। डार्विन का मानना था कि हम सभी के पूर्वज एक हैं। उनकी थ्योरी थी कि हमारे पूर्वज बंदर थे, लेकिन कुछ बंदर अलग जगह अलग तरह से रहने लगे, इस कारण धीरे-धीरे जरूरतों के अनुसार उनमें बदलाव आने शुरू हो गए। उनमें आए बदलाव उनके आगे की पीढ़ी में दिखने लगे।