लॉकडाउन में 12 करोड़ बेरोजगार

लॉकडाउन से पहले मार्च के बीच में यह दर आठ प्रतिशत थी.

Publish: May 07, 2020, 08:26 AM IST

Photo courtesy : bloomberg
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लॉकडाउन के चलते भारत में अप्रैल में 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। लॉकडाउन के चलते 3 मई को समाप्त हुए सप्ताह में देश में बेरोजगारी दर 27.1% पर पहुंच गई। मार्च में यह 10 फीसदी पर थी। यानि लॉकडाउन अवधि में बेरोजगारी दर 17 फीसदी बढ़ गई है।

यह खुलासा सेंटर फॉर मॉनिटारिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के सर्वें में हुआ है। इससे पहले जारी सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 23.5 फीसदी पर पहुंच गई थी। सिर्फ अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर में 14.8 फीसदी का इजाफा हुआ था। मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर में तेज बढ़ोतरी हुई थी। मार्च में यह दर 8.74 फीसदी थी।

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सर्वे के मुताबिक बेरोजगारी की दर शहरी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बढ़ी है। कोरोना वायरस संक्रमित मामले अधिक होने की वजह से रेड जोन घोषित क्षेत्रों में यह दर 29.22 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 26.69 प्रतिशत है।

सर्वे के मुताबिक अप्रैल के अंत तक, दक्षिण भारत के पुडुचेरी में सबसे अधिक 75.8 प्रतिशत बेरोजगारी थी, उसके बाद पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में 49.8 प्रतिशत, झारखंड में 47.1 फीसदी और बिहार में यह आंकड़ा 46.6 प्रतिशत था। महाराष्ट्र की बेरोजगारी दर सीएमआईई द्वारा 20.9 प्रतिशत आंकी गई थी, जबकि हरियाणा में 43.2 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 21.5 प्रतिशत और कर्नाटक में 29.8 प्रतिशत थी।

सीएमआईई का अनुमान है कि अप्रैल में दिहाड़ी मजदूर और छोटे कारोबारी सबसे ज्यादा बेरोजगार हुए हैं। इनमें फेरीवाले, सड़क के किनारे सामान बेचने वाले, निर्माण उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी और कई लोग हैं जो रिक्शा को ठेला चलकर गुजारा करते थे।

द इकोनॉमिक टाइम्‍स के अनुसारसी एमआईई के कार्यकारी प्रमुख महेश व्यास ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ने से बेरोजगार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है। शुरुआत में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की नौकरियां गई हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे, संगठित और सुरक्षित नौकरी वालों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है।