IAS से नेता बने अरविंद शर्मा को बीजेपी ने यूपी के MLC चुनाव में उतारा

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कसी कमर, बीजेपी ने चार उम्मीदवारों के नाम घोषित किए, पीएम मोदी के करीबी रहे गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी को दिया मौका

Updated: Jan 15, 2021, 10:18 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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लखनऊ। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर आज अपने चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने राज्य के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन इन तीनों के अलावा जिस उम्मीदवार को टिकट दिए जाने की सियासी हलकों में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वो हैं प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर कल ही बीजेपी ज्वाइन करने वाले गुजरात काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा। अरविंद शर्मा प्रधानमंत्री मोदी के बेहद करीबी और भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं।

एके शर्मा के नाम को केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा हरि झंडी दिखाए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें जल्द ही योगी कैबिनेट में मंत्री भी बनाया जाएगा। खास बात ये है कि उन्होंने कल ही बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी और आज उन्हें टिकट मिल गया। अरविंद शर्मा वैसे तो यूपी के मऊ के रहने वाले हैं, लेकिन गुजरात काडर के आईएएस अफसर के रूप में वे नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के समय से ही उनके बेहद भरोसेमंद अधिकारी रहे हैं। यहां तक कि गुजरात में उन्हें मोदी का आंख-कान माना जाता था। इसके बाद मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अरविंद शर्मा को फौरन केंद्र में बुला लिया। 

चर्चा है कि पीएम मोदी ने 2022 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही अपने खास अफसर को उत्तर प्रदेश में भेजा है। कहा जा रहा है कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के तौर पर नौकरी के दो साल बचे होने के बावजूद अरविंद कुमार शर्मा को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिलाकर उत्तर प्रदेश भेजा गया है। चर्चा तो यह भी हो रही है कि अरविंद शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में उप-मुख्यमंत्री का ओहदा भी दिया जा सकता है। 

 

 

कौन हैं एके शर्मा

गुजरात कैडर के IAS अधिकारी रहे एके शर्मा पीएम मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं। वे मोदी के साथ 2001 में तब से हैं जब उन्होंने गुजरात के सीएम पद की शपथ ली थी। वो गुजरात मे सीएम कार्यालय के सचिव के बाद सीएम के अतिरिक्त प्रमुख सचिव भी रहे हैं। साल 2014 में गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बन कर दिल्ली आए तो शर्मा भी पीएम कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आ गए। स्वैछिक सेवानिवृत्ति लेते वक्त वो MSME मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत थे। शर्मा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के काझाखुर्द गांव के रहने वाले हैं। 58 वर्षीय शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हुई वहीं उच्च शिक्षा का ग्रहण उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया।

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उत्तरप्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होना है और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 18 जनवरी है। माना जा रहा है कि राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी को इस चुनाव में सबसे अधिक फायदा होगा। विधायकों की संख्या बल के आधार पर बीजेपी की 12 में से 10 सीटें जीतना लगभग तय है। बीजेपी का प्रयास 11वीं सीट जीतने का भी है वहीं प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के खाते में 12 में से एक सीट आना तय है वहीं दूसरे सीट के लिए कांटे की टक्कर होगी। सपा ने अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को समाजवादी पार्टी ने बनाया प्रत्याशी बनाया है।