UP में स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, संडे-मंडे सिंह से लेकर अमित शाह और गडकरी को लगाया वैक्सीन

उत्तर प्रदेश में फेक वैक्सीनेशन का भंडाफोड़, रिकॉर्ड सेट करने के लिए संडे, मंडे सिंह के नाम से जारी किया वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, अमित शाह, पीयूष गोयल और नितिन गडकरी के नाम भी फर्स्ट डोज

Updated: Dec 19, 2021, 05:05 AM IST

इटावा। बीजेपी शासित राज्यों में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड सेट करने की होड़ मची हुई है। इसी बीच राज्यों के कई कारनामे भी सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा में भी फेक वैक्सीनेशन का भंडाफोड़ हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने यहां सप्ताह के दिनों के नाम जैसे संडे सिंह और मंडे सिंह नाम के पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बना दिया है। इतना ही नहीं यहां केंद्रीय मंत्री अमित शाह से लेकर गडकरी तक कई मंत्रियों के नाम पर भी सर्टिफिकेट इश्यू किया गया है।

जानकारी के मुताबिक बीते 12 दिसंबर को ताखा क्षेत्र की सीएचसी सरसईनावर में सीएचसी प्रभारी डॉ उदय प्रताप सिंह की आईडी पर जारी वैक्सीन में केंद्रीय मंत्रियों और सप्ताह के दिनों के सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। इन्हें 6 मार्च को सेकंड डोज के लिए तारीख भी दे दिया गया है। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में अमित शाह की उम्र 33, नितिन गडकरी की उम्र 30, पीयूष गोयल की उम्र 37 और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की उम्र 26 साल दिखाई गई है। 

सर्टिफिकेट देखने से ही पता चला जा रहा है कि फर्जी तारीक से वैक्सीनेशन डेटा अपलोड किया गया है। जैसे संडे सिंह, मंडे सिंह और फ्राइडे सिंह के नाम से भी सर्टिफिकेट जारी हो गए। कुछ अन्य राजनेताओं के नाम से भी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं लेकिन उनका पूरा नाम नहीं लीखा गया है। जैसे निर्मला सीता, स्मृति, नरेंद्र। 

मामले पर सीएचसी प्रभारी डॉ उदय प्रताप सिंह का कहना है कि 12 दिसंबर रविवार को किसी ने उनकी आईडी और पासवर्ड हैक कर लिया। इस आईडी पर वैक्सीनेशन नहीं बल्कि पूरे ब्लॉक की मॉनिटरिंग की जाती है। वैक्सीनेशन के लिए प्रतिदिन नई आईडी जेनरेट की जाती है। मामले पर इटावा सीएमओ डॉ भगवान दास ने कहा है कि यह गंभीर मामला है। मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के विरुद्ध कठोर कारवाई की जाएगी।

बता दें कि सरसईनावर सीएचसी वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़े के लिए प्रदेश भर में कुख्यात है। इससे पहले भी यहां कई अजीबोगरीब मामले सामने आ चुके हैं। मसलन यहां कई मृतकों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। कई लोग ऐसे हैं जो इटावा में थे भी नही बावजूद उन्हें दूसरी डोज लगाने के संदेश बिना डोज लगाए ही मिल गए।