मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, मैतेई समुदाय के तीन लोगों की मौत, कई कुकी घर जलाए गए

मणिपुर में सुरक्षाबलों और मैतेई समुदाय के बीच पिछले 24 घंटे से झड़प हो रही है। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई।

Updated: Aug 05, 2023, 11:19 AM IST

इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जातीय-संघर्षों के बीच हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन महीने से ज्यादा समय से यह राज्य हिंसा की आग में जल रहा है। बिष्णुपुर जिले में हिंसा की ताजा घटनाओं में मैतेई समुदाय के कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई।

दरअसल, मणिपुर में सुरक्षाबलों और मैतेई समुदाय के बीच पिछले 24 घंटे से झड़प हो रही है। ये हिंसक झड़प टेराखोंगसांगबी कांगवे और थोरबुंग में हुई हैं। यह इलाका कुकी-मैतेई के बीच का बॉर्डर है, जो बफर जोन कहलाता है। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान युमनम जितेन मैतेई (46), युमनम पिशाक मैतेई (67) और युमनम प्रेमकुमार मैतेई (39) के रूप में की गई है, जो सभी क्वाक्टा लामल्हाई के रहने वाले हैं।

बताया जा रहा है कि मैतेई समुदाय के प्रदर्शनकारी बफर जोन क्रॉस करने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षाबलों ने जब रोका तो इनके बीच झड़प हो गई। इस दौरान फायरिंग भी की गई। सुरक्षाबलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। हिंसा का यह नया मामला मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में गुरुवार को सशस्त्र बलों और मैतेई समुदाय के प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 17 लोगों के घायल होने के दो दिन बाद सामने आया है। 

सशस्त्र बलों और मणिपुर पुलिस ने जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाकों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। जानकारी के अनुसार, यह घटना तब हुई जब मैतेई महिलाएं जिले में एक बैरिकेड क्षेत्र को पार करने का प्रयास कर रही थीं। अधिकारियों ने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले घोषित कर्फ्यू में ढील वापस ले ली। एहतियात के तौर पर दिन का कर्फ्यू भी फिर से लागू कर दिया गया है।

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य हिंसा की चपेट में है, जिसमें अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा 3 मई को शुरू हुई थी। हिंसा को 91 दिन बीत चुके हैं मगर हालात अभी भी सामान्य नहीं है। हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक हजार से ज्यादा लोग घायल हैं।