जम्मू कश्मीर में कब होंगे चुनाव, कब मिलेगा राज्य का दर्जा, केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के सवाल

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अस्थायी केंद्र शासित प्रदेश बनाया था और तब से वहां चुनाव नहीं हुए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जम्मू कश्मीर में चुनाव के लिए समयसीमा तय करने को कहा है।

Publish: Aug 29, 2023, 05:56 PM IST

Image courtesy- NBT
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने को लेकर समयसीमा पर अपना रुख स्पष्ट करें क्योंकि लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के संबंध में जवाब मांगा है। 

सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से तीन सवाल पूछे। सीजेआई ने पूछा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब तक होंगे इसकी कोई समय सीमा बताएं? दूसरे सवाल में उन्होंने पूछा कि संसद को राज्य के टुकड़े करने और अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने का अधिकार किस कानूनी स्रोत के तहत मिला? उन्होंने तीसरा सवाल पूछा कि जम्मू कश्मीर अस्थाई से पूर्ण राज्य कब तक बनेगा इसकी समय सीमा क्या है? 

सरकार की ओर से पेश जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर को दो भाग में बांटने का कदम अस्थायी था। हालात समान्य होने पर दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर पूर्ण राज्य बना दिया जाएगा। फिलहाल लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही बना रहेगा। लेकिन जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने और राज्य में चुनाव की समय सीमा के बारे में वे 31 अगस्त को विस्तृत जानकारी देंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या सरकार किसी राज्य को तोड़कर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना सकती है? जम्मू कश्मीर से स्पेशल स्टेटस का दर्जा किस कानूनी प्रावधान के जरिए छिना गया? इसपर सरकार की ओर से मेहता ने कहा कि अनुच्‍छेद-370 का प्रभाव जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासियों को उनके साथी नागरिकों के बराबर व्यवहार से वंचित रखता था। इसलिए संविधान निर्माता भी इसे स्थायी बनाना नहीं चाहते थे। इस कानून को समाप्त करने को असंवैधानिक बताने और राज्य की अनुमति नहीं लेने की दलीलें बेबुनियाद हैं। हम इसे समाप्त करने वाले कानूनी प्रावधानों के बारे में और जम्मू कश्मीर को राज्य बनाने के बारे में 31 अगस्त को विस्तृत जानकारी देंगे।