मोदी 3.0 सरकार में लोकसभा स्पीकर के पद पर फंसा पेंच, डी. पुरंदेश्वरी के नाम की चर्चा
भाजपा नेत्री डी पुरंदेश्वरी चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। उन्होंने नायडू का उस वक्त समर्थन किया था, जब उनकी अपने ससुर एनटी रामाराव का तख्ता पलट करने पर आलोचना हो रही थी।
नई दिल्ली। केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की 3.0 सरकार ने शपथ ले ली है। मंत्रियों को उनके विभाग भी बांट दिए गए हैं। ओम बिरला नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार में लोक सभा स्पीकर थे। ऐसे में क्या इस बार बिरला को दोबारा यह पद मोदी सरकार 3.0 में मिलेगा? यह सवाल गहराता जा रहा है. क्योंकि, TDP एनडीए गठबंधन की सरकार में यह पद मांग रही है।
बता दें कि ओम बिरला का कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा है। उनके लोकसभा अध्यक्ष रहते ही राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हुई थी। इसके अलावा करीब 90 सांसदों को निलंबित भी किया गया था। ऐसे में गठबंधन के सहयोगी दल उनके नाम पर सहमत नहीं होंगे। उधर, INDIA ब्लॉक ने TDP का समर्थन देने का किया ऐलान किया है। इंडिया ब्लॉक ने कहा है कि यदि स्पीकर पद TDP के पास जाता है, तो वे समर्थन देने को तैयार हैं।
इसी बीच भाजपा की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी स्पीकर पद के लिए उछला है। पुरंदेश्वरी चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। उन्होंने नायडू का उस वक्त समर्थन किया था, जब उनकी अपने ससुर एनटी रामाराव का तख्ता पलट करने पर आलोचना हो रही थी। ऐसे में उन्हें स्पीकर बनाया जाता है, तो नायडू पर सॉफ्ट प्रेशर रहेगा। उनकी पार्टी पुरंदेश्वरी का खुला विरोध नहीं कर पाएंगी।
पुरंदेश्वरी कम्मा समुदाय से हैं। चंद्रबाबू नायडू भी इसी समुदाय के हैं। आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह प्रभावशाली समुदाय है। कम्मा समुदाय को TDP का ट्रेडिशनल वोटर माना जाता है। साफ है कि डी पुरंदेश्वरी के बहाने भाजपा नायडू की पार्टी के परंपरागत वोट बैंक में भी सेंध लगाना चाहती है।
मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब यह संभावना भी बनी है कि ओम बिरला एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे। चुंकी, भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत में नहीं है, इसलिए मोदी-शाह भी अपने विश्वासपात्र को ही लोकसभा अध्यक्ष बनाना चाहेंगे। इस चॉइस में भी बिरला खरे उतरते हैं। हालांकि, भाजपा का पूर्ण बहुमत में न आना ही उनके अध्यक्ष बनने में रोड़ा भी साबित हो सकता है, क्योंकि सहयोगी दल स्पीकर पद की मांग कर रहे हैं।