बलात्कार के आरोप में बंद है पति, पत्नी ने की ज़मानत की मांग, कहा मुझे मां बनने का अधिकार है

पत्नी का दावा है कि केवल तीन महीने की शादी थी जब पति गया था जेल, कोर्ट ने मशविरे के लिए ऐसे मामलों में विदेशों में दी गई रूलिंग की रखी मांग

Updated: Aug 06, 2021, 08:55 AM IST

Photo Courtesy: Thenewindianexpress
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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने 'पत्नी के अधिकारों' के तहत बलात्कर का आरोप झेल रहे पति के लिए जमानत मांगी है। महिला का कहना है कि उसे जमानत दी जाए ताकि उसे मातृत्व सुख नसीब हो सके। महिला के इस मांग को लेकर हाईकोर्ट के जज भी ऊहापोह की स्थिति में है। उच्च न्यायालय ने अब सरकार और न्यायमित्र से राय मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या बच्चा भी अपने कैदी पिता के साथ रहने का अधिकार मांग सकता है?

दरअसल, नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आरोपी सचिन को सात साल पहले ट्रक के भीतर एक नाबालिग के साथ गैंगरेप का दोषी माना था। आरोपी को 20 साल कैद की सजा सुनाई थी। न्यायालय पिछले 7 वर्षों में दो बार आरोपी की याचिका को खारिज कर चुका है, लेकिन अब मातृत्व सुख के एंगल से गैंगरेप के दोषी सचिन को ज़मानत दिए जाने की गुहार लगाई गई है।

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याचिका में सचिन की पत्नी की ओर से कहा गया कि जब उसका पति गिरफ्तार हुआ, तब मेरी शादी को करीब 3 महीने ही हुए थे। ऐसे में मैं मातृत्व सुख से वंचित रही। महिला ने अब पत्नी के अधिकारों का हवाला देते हुए याचिका में कहा कि जेल में बंद उसके पति को कुछ समय के लिए जमानत दी जाए ताकि वह मां बन सके। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट भी कन्फ्यूजन की स्थिति में है।

कोर्ट को इस बात की चिंता है कि कहीं पैदा होने के बाद बच्चा भी कैदी पिता के साथ रहने का अधिकार मांग सकता है। न्यायालय ने राज्य सरकार और न्यायमित्र से इस बारे में उनकी राय मांगी है। हाईकोर्ट ने इसपर टिप्पणी करते हुए कहा कि जेल में बंद व्यक्ति, उसकी पत्नी और इस तरह की व्यवस्था से पैदा हुए बच्चे के अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जानी चाहिए। क्या बच्चा भी अपने कैदी पिता के साथ रहने का अधिकार मांग सकता है।'

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हाईकोर्ट कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ऐसे बच्चे को दुनिया में लाने की अनुमति दी जाए, जिसका पालन पोषण मुश्किल होगा क्योंकि मां अकेली है। साथ ही, पिता के बिना रहने से बच्चे पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव क्या होगा? कोर्ट ने यह भी सवाल पूछा कि अगर कैदी को संतान पैदा करने की अनुमति दी जाती है तो क्या राज्य को उसकी देखभाल के लिए बाध्य किया जा सकता है? कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में इस परिस्थिति में कोर्ट ने क्या निर्णय सुनाया है, इसकी पूरी जानकारी जुटाकर कोर्ट को सूचित करे।